साल 2016 में रेलवे ने फ्लेक्सी फेयर योजना को लागू किया था। इस योजना के तहत राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेनों में10 प्रतिशत सीट के बाद किराए में दस फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी। इसका परिणाम यह हुआ कि कई बार ट्रेन और हवाई जहाज का टिकट एक दाम पर हो गए। इससे यात्रियों में नाराजगी भी होने लगी। हालांकि रेलवे ने सितंबर 2016 से अगस्त 2017 के बीच 540 करोड़ रूपये अतिरिक्त कमाएं।
रेल मंत्री ने इस बात का भी संकेत दिया है कि फ्लेक्सी फेयर की समीक्षा के बाद यह तय किया जाएगा कि ऑफ सीजन का किराया क्या हो। लेकिन पीक सीजन में टिकट महंगा रहेगा। यानी की पीक सीजन में फ्लेक्सी फेयर में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक कमेटी नीति आयोग, एयर इंडिया के अधिकारियों के अलावा ट्रांसपोर्ट से जुड़े विशेषज्ञों से भी राय मशविरा करेगी कि किस तरह से योजना को लागू किया जाए। ताकि रेलवे को किसी तरह का आर्थिक नुकसान न हो और यात्रियों की नाराजगी भी नहीं झेलनी पड़े।