साल 2002 में रेलवे ने एलएचबी कोच (LHB Coaches) का निर्माण शुरु किया था। इन कोच का निर्माण रेल हादसों को कम करना है। इनमें एंटी टेलीस्कोपिक सिस्टम लगा होता है। भारतीय रेलवे की ओर से पहली बार जुलाई 2020 में 151 कोच तैयार किए गए, जो अब तक का सबसे बड़ा प्रोडक्शन है। इस बात की जानकारी खुद रेलवे मंत्रालय ने ट्वीट कर दी है। LHB कोच का प्रयोग हाई स्पीड ट्रेनों में किया जाता है। इससे ट्रेन की रफ्तार ज्यादा बढ़ जाती है। इससे रेल 160 से 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड में दौड़ सकती है। इन कोचेस में बड़ी खिड़कियां, आरामदायक सीट, बॉयो टॉयलेट्स, और सामान रखने की ज्यादा जगह होती है। इससे सफर ज्यादा आरामदायक हो जाता है।
LHB कोच की खासियत
LHB कोच रेलवे के पुराने कोच के मुकाबले 1.5 मीटर ज्यादा लंबे होते हैं। इसमें यात्रियों की क्षमता भी पुराने कोच से अधिक है। इसकी सेल्फ लाइफ भी ज्यादा होती है। एलएचबी कोच में आरामदायक सीट, बॉयो टॉयलेट्स और अधिक स्पेस होता है। इनका ब्रेक सिस्टम काफी अच्छा होता है, जिसके कारण रेल हादसों में कमी आई है।