मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीआईडी को जांच में पता चला है कि हनीप्रीत 28 अगस्त की रात 2 सूटकेस लेकर निकली थी। इन दोनों सूटकेसों में काला धन था। जिसका इस्तेमाल हिंसा फैलाने में किया गया। सूत्रों के मुताबिक डेरे को छोड़ने से पहले हनीप्रीत ने दरवाजों पर लगे सभी सेंसरों को निष्क्रिय कर दिए थे। इसी वजह से कोर्ट के आदेश पर जब टीम वहां पहुंची तो उसे सभी दरवाजे खुले मिले थे।
एसआईटी के सामने हनीप्रीत ने कबूल किया है कि राम रहीम के जेल जाने के बाद हरियाणा और पंजाब में हुई हिंसा के पीछे उसका हाथ था। इसके साथ ही हिंसा के लिए सवा करोड़ रुपये की फंडिंग भी की गई थी। वहीं मंगलवार को हनीप्रीत की कोर्ट में पेशी के दौरान एसआईटी ने बताया कि उसी ने देश विरोधी वीडियो वायरल किया था। ये वीडियो हनीप्रीत के मोबाइल में है। इसके साथ ही हिंसा के लिए हनीप्रीत ने मैप में कई इलाकों की चिह्नित किया था जोकि उसके लैपटॉप में थे।
वहीं पुलिस को अभी हनीप्रीत को लैपटॉप और मोबाइल बरामद करना है। हनीप्रीत ने पुलिस को बताया था कि उसका मोबाइल पंजाब के तरनतारन में कहीं खो गया था। जबकि अब उसकी साथी सुखदीप कौर ने पुलिस को बताया है कि उसका फोन यूपी के बिजनौर में उसके रिश्तेदार के पास था। ऐसे में पुलिस अब हनीप्रीत का मोबाइल बरामद करने पर पूरा फोकस कर रही है। मोबाइल की बरामदगी के बाद कई और अहम राज खुल सकते हैं।