भाजपा सांसद का सबसे बड़ा खुलासा, विरोध प्रदर्शन की वजह CAA नहीं बल्कि राम मंदिर है सुप्रीम कोर्ट ने बीते वर्ष नवंबर में पूरी विवादित भूमि को, जिसमें बाबरी मस्जिद भी मौजूद थी, एक ट्रस्ट को दे दिया था। अब इस ट्रस्ट को इस स्थान पर मंदिर निर्माण की निगरानी का काम दिया गया है।
इस दौरान अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को यह भी आदेश दिया था कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही कही पर मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ की जमीन दे।
तमिलनाडु से CDS रावत और IAF प्रमुख ने दी पाकिस्तान पाकिस्तान को बड़ी चुनौती अदालत के इस फैसले से खफा होकर कई पक्षों द्वारा इसके खिलाफ समीक्षा याचिका दायर की गई थीं, जिन्हें बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। बीते 12 दिसंबर को पांच जजों की एक बेंच ने इन याचिकाओं को इसलिए खारिज कर दिया था क्योंकि इनमें कुछ पुख्ता तथ्य नहीं था।
समीक्षा याचिका के बाद इस फैसले को लेकर केवल क्यूरेटिव याचिका ही आखिरी न्यायिक विकल्प है।