scriptJNU की रिपोर्ट: दवाइयों में नहीं, भजन-कीर्तन में छिपा है डिप्रेशन का इलाज | Report of JNU: treatment of depression not in medicines but in Bhajan | Patrika News
विविध भारत

JNU की रिपोर्ट: दवाइयों में नहीं, भजन-कीर्तन में छिपा है डिप्रेशन का इलाज

न्यूक्लियर फैमिली और फैमिली में एक ही बच्चा होने जैसी अवधारणाएं भी युवाओं में ऐसे मनोरोग की ओर धकेल रही हैंं।

नई दिल्लीOct 30, 2017 / 02:56 pm

Mohit sharma

Depression,deep depression,treatment of depression,JNU report on depression, treatment of depression in Bhajan

नई दिल्ली। अब तक आपने स्ट्रेस और डिप्रेशन की मरीजों को दवाइयां लेते या अच्छे मनोचिकित्सकों से कंसल्ट करते देखा होगा। हालांकि कई लोग काफी लंबे उपचार के बाद डिप्रेशन से निकल जाते हैं, लेकिन कई लोगों को काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ता है। लेकिन जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि ऐसे मरीजों का इलाज दवाइयों में नहीं, बल्कि भजन—कीर्तन में छिपा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसके लिए मरीज को नियमित भजन कीर्तन जैसे रिचुअल कार्यक्रमों में भाग लेने से बड़ा फायदा मिलता है।

मनोचिकित्सा बिगाड़ रही हालत

दरअसल, जेएनयू के संस्कृत अध्ययन संस्थान की स्टडी में दावा किया गया है कि बच्चों को दिए गए संस्कार और भजन-कीर्तन डिप्रेशन सहित दिमागी विकारों को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि है कि ये विकल्प दवाइयों से बेहतर है, क्योंकि मनोचिकित्सा और दवाएं मरीजों की हालत में बजाए सुधार की खराबी ला रही हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि छोटी उम्र से ही भजन-कीर्तन सुनना स्ट्रेस बस्टर के रूप में काम करेगा। वहीं जेएनयू में वैदिक शास्त्र के प्रोफेसर सुधीर कुमार आर्य का कहना है कि यह अपने किया गया पहली तरह का शोध कार्य है। प्रोफेसर ने कहा कि भागवत पुराण और अग्नि पुराण पर आधारित इस स्टडी में सामने आया कि शुरुआती अवस्था में सिखाए गए नैतिक मूल्यों से चिंता, तनाव, अवसाद या अन्य मानसिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

योग से भी बड़ा लाभ

स्टडी के मुताबिक योग भी इस समस्या से जूझने में काफी मददगार साबित होता है। वहीं दूसरी टेंशन और डिप्रेशन का एक कारण न्यूक्लियर फैमिली और फैमिली में एक ही बच्चा होने जैसी अवधारणाएं भी युवाओं में ऐसे मनोरोग की ओर धकेल रही हैंं। ऐसे बीमारियों में इस्तेमाल की जाने वाली दवाई केवल शारीरिक समस्याओं का इलाज कर सकते हैं लेकिन मानसिक समस्याओं का नहीं। शोध करने वाली छात्रा नंदिनी दास का कहना है कि
हाइपरटेंशन, टेंशन या डिप्रेशन जैसे बीमारियां हमें आधुनिक तौर पर जरूर देखने को मिलती हैं, लेकिन इन बीमारियों का जिक्र हमारें पुराणों और वेदों तक में इसका जिक्र मिलता है।

Home / Miscellenous India / JNU की रिपोर्ट: दवाइयों में नहीं, भजन-कीर्तन में छिपा है डिप्रेशन का इलाज

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो