नई दिल्ली। दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं। इनमें से कुछ अपने लिए जीते हैं, कुछ अपने परिजनों के लिए अपनी पूरी जिंदगी बिता देते हैं और वहीं कुछ समाज के सुधार के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर देेते हैं। हम आज आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपना घर, ऐशो आराम की जिंदगी, परिवार सब कुछ छोड़कर गांव में आकर रहने लगी। ये है ऋतू जायसवाल जो बिहार के सिंघ्वाहिनी गांव के विकास के लिए वो सबकुछ छोड़ दिया जिसके लिए लोगों में इतनी मारा-मारी होती रहती है।
बता दें 40 वर्षीय ऋतू बाढ़ से पीडि़त इस बदहाल गांव के विकास के लिए प्रयास कर रही है। ऋतु की शादी आईएएस अधिकारी अरूण कुमार से हुई है और वो अभी दिल्ली में कार्यरत है। ऋतू के दो बच्चे भी है। शादी के कुछ साल बाद ही ऋतू अपने ससुराल के पैत्रिक गांव सीतामढ़ी के सोन्बरशा ब्लॉक का दौरा किया, वहां जाकर गांव की असली स्थिति देखने के बाद ऋतु काफी परेशान हो गई क्योंकि वहां न तो बिजली थी और न ही पर्याप्त सफाई।
गांव की ऐसी बदहाल स्थिति को देखने के बाद ऋतू वहां नियमित तौर पर जाने लगी और गांववासियों से उनकी परेशानी को लेकर खुलकर बात किया। स्वच्छता, खुले में शौच, घरेलु हिंसा, बच्चियों की मृत्यु इत्यादि गंभीर मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया और उन्हें इससे संबंधित सलाह भी दिया। इसके बाद गांववासियों के अनुरोध पर साल 2016 में ऋतू ने गांव मुखिया के पद पर भी चुनाव लड़ा और इसमें जीत भी हासिल की।
जीत के तुरंत बाद ही सरकारी अनुदान का इंतज़ार किए बगैर खुद के पैसों से सड़क बनवाने का कार्य प्रारंभ किया। ऋतु अपने पैसों से गांव में बच्चियों को शिक्षित करने का भी प्रयास किया जो पैसों के अभाव में स्कूल जाना छोड़ दिया था।
हालांकि ये सब कुछ इतना आसान नहीं था जहां कुछ लोग ऋतू के साथ थे वहीं कुछ उसके विरोध में भी थे।ऋतू को धमकी भरे फोन भी आने लगे लेकिन उसने हार नहीं मानी। दिल्ली में अपनी आरामदायक जीवनशैली को छोड़कर ऋतू जो काम कर रही है, उसकी तारीफ के लिए शब्दों की वाकई में कमी है।
Home / Miscellenous India / दिल्ली के आईएएस अधिकारी की पत्नी इस काम में उड़ा रही है पैसे, जानकर हो जाएंगे हैरान