साल कम से कम एक बैठक थी जरुरी
राष्ट्रीय गंगा परिषद को लेकर ये चौंकाने वाला दावा एक मीडिया हाउस ने किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय गंगा परिषद के गठन का उद्देश्य गंगा नदी का संरक्षण, सुरक्षा और प्रबंधन करना था। गंगा मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया था कि परिषद को हर साल कम से कम एक या जरुरत के हिसाब से अधिक बैठकें करनी होंगी। राष्ट्रीय गंगा परिषद के गठन के तीन साल होने वाले हैं लेकि अब तक एक भी बैठक नहीं हुई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये जानकारी 8 जनवरी 2019 को दायर किए गए आरटीआई से मिली है।
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अब 13 महीने में गंगा साफ करने का दावा
वहीं पिछले महीने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गंगा नदी को विरासत बताते हुए कहा कि अगले साल तक गंगा नदी अविरल और निर्मल होगी। छपरा के राजेंद्र स्टेडियम में उन्होंने कहा कि भारत गड्ढा मुक्त सड़कों वाला देश होगा और 13 महीने में गंगा नदी प्रदूषण मुक्त होगी।
पीएम ने नमामि गंगे फंड में दान किए इनाम के पैसे
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सियोल शांति पुरस्कार भारत के लोगों को समर्पित किया और इसकी धनराशि को नमामि गंगे फंड में दान कर दिया था। पुरस्कार ग्रहण करने के बाद मोदी ने कहा कि मैं इस मौद्रिक पुरस्कार 200,000 डॉलर (एक करोड़ तीस लाख रुपए) की राशि को नमामि गंगे फंड में गंगा की सफाई के लिए दान करता हूं, जो लाखों लोगों की आर्थिक जीवनरेखा है।