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गंगा की सफाई के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में बनी कमेटी, लेकिन 3 साल में नहीं हुई एक भी बैठक

गंगा की सफाई के लिए 2016 में बनी राष्ट्रीय गंगा परिषद।
नियमों के मुताबिक हर साल पीएम की अध्यक्षता में एक बैठक जरुरी थी।
करीब 3 का समय हो जाने के बाद भी एक भी बैठक नहीं हुई।

नई दिल्लीMar 12, 2019 / 09:22 am

Chandra Prakash

National Ganga Council

गंगा की सफाई के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता बनी कमेटी, लेकिन अबतक नहीं हुई एक भी बैठक

नई दिल्ली। 2014 में केंद्र की सत्ता में आने से पहले बीजेपी के सबसे बड़े दावे में से एक थी गंगा नदी की सफाई। लेकिन साढ़े चार साल से ज्यादा का समय गुजर जाने के बाद भी गंगा की हालत जस की तस है। नरेंद्र मोदी सरकार में गंगा की सफाई के लिए बकायदा मंत्रालय का भी बनाया। गंगा की धार को अविरल और निर्मल करने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में ‘राष्ट्रीय गंगा परिषद’ (नेशनल गंगा काउंसिल या NGC) का गठन किया गया। लेकिन अक्टूबर 2016 में गठित इस परिषद की अबतक एक भी बैठक नहीं हुई है।

साल कम से कम एक बैठक थी जरुरी

राष्ट्रीय गंगा परिषद को लेकर ये चौंकाने वाला दावा एक मीडिया हाउस ने किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय गंगा परिषद के गठन का उद्देश्य गंगा नदी का संरक्षण, सुरक्षा और प्रबंधन करना था। गंगा मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया था कि परिषद को हर साल कम से कम एक या जरुरत के हिसाब से अधिक बैठकें करनी होंगी। राष्ट्रीय गंगा परिषद के गठन के तीन साल होने वाले हैं लेकि अब तक एक भी बैठक नहीं हुई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये जानकारी 8 जनवरी 2019 को दायर किए गए आरटीआई से मिली है।

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अब 13 महीने में गंगा साफ करने का दावा

वहीं पिछले महीने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गंगा नदी को विरासत बताते हुए कहा कि अगले साल तक गंगा नदी अविरल और निर्मल होगी। छपरा के राजेंद्र स्टेडियम में उन्होंने कहा कि भारत गड्ढा मुक्त सड़कों वाला देश होगा और 13 महीने में गंगा नदी प्रदूषण मुक्त होगी।

पीएम ने नमामि गंगे फंड में दान किए इनाम के पैसे

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सियोल शांति पुरस्कार भारत के लोगों को समर्पित किया और इसकी धनराशि को नमामि गंगे फंड में दान कर दिया था। पुरस्कार ग्रहण करने के बाद मोदी ने कहा कि मैं इस मौद्रिक पुरस्कार 200,000 डॉलर (एक करोड़ तीस लाख रुपए) की राशि को नमामि गंगे फंड में गंगा की सफाई के लिए दान करता हूं, जो लाखों लोगों की आर्थिक जीवनरेखा है।

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