scriptहमारी ‘रुक्मिणी’ ने पकड़ी चीन की चालाकी | rukmini is helping india to keep an eye on china's each and every step | Patrika News
विविध भारत

हमारी ‘रुक्मिणी’ ने पकड़ी चीन की चालाकी

भारत के अत्याधुनिक जीसैट- 7 उपग्रह चीन के हर कदम की जानकारी भारत की सेनाओं तक पहुंचा रहा है। इस जीसैट-7 उपग्रह को हम रूक्मिणी नाम से जानते हैं।

Jul 05, 2017 / 04:02 pm

ghanendra singh

g sat

g sat

नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर तनाव बरकरार है। भारत को घेरने के लिए चीन हिंद महासागर में अपने नौसेना की गुपचुप तरीके से मौजूदगी बढ़ा रहा है। लेकिन चीन ये भूल गया है कि भारत मौजूदा समय में हाईटेक तकनीकी सै लैस हो चुका है। भारत के अत्याधुनिक जीसैट- 7 उपग्रह चीन के हर कदम की जानकारी भारत की सेनाओं तक पहुंचा रहा है। इस जीसैट-7 उपग्रह को हम रुक्मिणी नाम से जानते हैं। भारत ने 29 सितंबर 2013 में इसको लांच किया था। रूक्मिणी नौसेना के साथ-साथ थल सेना को भी डाटा उपलब्ध करवाती रहती है।


भारत का पहला मिलिट्री सैटेलाइट है जीसैट-7
जीसैट-7 यानि की रुक्मिणी भारत का पहला मिलिट्री सैटेलाइट है। इस सैटेलाइट की मदद से भारत हिंद महासागर में चीन की हर हरकत पर नजर रख रहा है। 2625 किलोग्राम का यह उपग्रह 36 हजार किमी की ऊंचाई से संचालित हो रहा है। जानकारी के मुताबिक जीसैट-7 एक मल्टी बैंड कम्युनिकेशन कम सर्विलांस सेटेलाइट है, जो नौसेना के युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों को रियल टाइम जानकारी उपलब्ध करवाता है। इसे खासतौर पर चीन की हिंद महासागर में बढ़ती गतिविधियों की निगरानी के लिए लांच किया गया था।

हर रेंज के डाटा कम्युनिकेशन पर नजर
वैज्ञानिकों के मुताबिक रुक्मिणी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों में एक साथ निगरानी नहीं कर सकता लेकिन यह लो रेंज की आवाज से लेकर हाई रेंज के डाटा कम्युनिकेश स्पेक्ट्रम पर नजर रखकर उसकी जानकारी देता है। गौरतलब है कि सीमा पर तनाव के बाद 14 चीनी नौसेना पोतों को भारतीय समुद्री क्षेत्र में देखा गया था। आशंका जताई जा रही है कि चीन भारत को घेरने के लिए ऐसा कर रहा है।

Home / Miscellenous India / हमारी ‘रुक्मिणी’ ने पकड़ी चीन की चालाकी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो