विधवाओं की स्थिति सुधारने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कमेटी गठित
विधवाओं के हालात सुधारने पर सुझाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी गठित की है। 5 सदस्यीय कमेटी में एनजीओ जागोरी की सुनीता धर, गिल्ड फॉर सर्विस की मीरा खन्ना, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता आभा सिंघल जोशी, हेल्प एज इंडिया और सुलभ इंटरनेशनल का एक-एक प्रतिनिधि शामिल हैं।
पुनर्विवाह की योजना बनाने के निर्देश गौरतलब है कि 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने केंद्र सरकार से कहा था कि जिन विधवाओं की उम्र कम है। उनके पुनर्विवाह के बारे में योजना बनाएं और उनके जीवनस्तर में सुधार लाए। लेकिन इस पर कोई भी बात नहीं करता । कोर्ट ने विधवा कल्याण के रोडमैप पर एतराज जताते हुए कहा कि विधवा महिलाओं से बेहतर खाना जेल के कैदियों को मिलता है। शीर्ष कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विधवाओं के लिए कोई बात तक नहीं कर रहा है। यह अपने आप में दुखद है।
SC ने राष्ट्रीय नीति की भी बात की साल 2001 में बनी राष्ट्रीय नीति की बात करते हुए कोर्ट ने कहा कि 16 साल बीत चुके हैं इसलिए इस नीति में बदलाव की जरूरत है। सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार से कोर्ट ने कहा था कि हमें नहीं लगता कि महिलाओं का सशक्तिकरण हो पाया है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी कैसे हो सकती है। उनके विधवा होने पर उनका परिवार कैसे छोड़ सकता है।