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वैज्ञानिकों का दावा, देश में जल्द चरम पर पहुंच सकती है कोरोना की नई लहर

Coronavirus Second Wave In India: वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अप्रैल के मध्य तक कोरोना की दूसरी लहर चरम पर पहुंच सकती है और मई के अतं तक धीमा पड़ सकता है।

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Scientists claim that second wave of corona may peak in india by mid april

नई दिल्ली। देश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने चिंताएं बढ़ा दी है। हर दिन हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं और सैंकड़ों लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में कई राज्यों में आंशिक तौर पर लॉकडाउन लगाया गया है और पूर्ण लॉकडाउन को लेकर मंथन जारी है।

इस बीच वैज्ञानिकों ने एक बड़ा दावा किया है। वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि भारत में अप्रैल के मध्य तक कोरोना की दूसरी लहर चरम पर हो सकती है। इसके बाद मई के अंत तक इसमें गिरावट देखी जा सकती है।

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एक गणितीय गणना, जिसका नाम SUTRA है, ने पिछले साल भविष्यवाणी की थी कि अगस्त में कोरोना संक्रमण का शुरूआती स्पाइक सितंबर तक बढ़ जाएगा और इस साल फरवरी में घट जाएगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के एक वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने कोरोनो बीमारी में वर्तमान स्पाइक के बढ़ने के क्रम का अनुमान लगाने के लिए ये मॉडल लागू किया और पाया कि अप्रैल के मध्य में हर दिन संक्रमण के नए मामलों की संख्या चरम पर होने की संभावना है।

उन्होंने बताया है 'पिछले कई दिनों से, हमने पाया है कि एक उचित मौका है कि भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर 15-20 अप्रैल के बीच कभी भी चरम पर हो सकते हैं और मई के अंत तक नाटकीय रूप से कमी देखी जा सकती है।'

पंजाब हो सकता है सबसे अधिक प्रभावित

वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि महाराष्ट्र के बाद कोरोना की दूसरी लहर में प्रभावित होने वाला सबसे पहला राज्य कुछ दिनों में पंजाब हो सकता है। हालांकि, अग्रवाल ने कहा कि हर दिन नए मामलों की संख्या में थोड़ा सा बदलाव जरूर देखने को मिलेगा, लेकिन अप्रैल के मध्य तक चरम पर बने रहने की संभावना है।

हरियाणा में अशोक विश्वविद्यालय से गौतम मेनन समेत वैज्ञानिकों द्वारा की गई स्वतंत्र गणना ने यह भी भविष्यवाणी की है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का उछाल अप्रैल के मध्य और मई के मध्य तक हो सकता है।

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अग्रवाल ने कहा कि कोरोवा महामारी के मामलों की भविष्यवाणी करने के लिए SUTRA मॉडल तीन मुख्य मापदंडों पर आधारित है। पहला मापदंड बीटा या संपर्क दर है। इसके जरिए ये पता किया जाता है कि एक संक्रमित व्यक्ति प्रति दिन कितने लोगों को संक्रमित करता है।

दूसरा मापदंड संक्रमण की पहुंच है। यानी कि कितनी आबादी तक महामारी पहुंच चुका है और तीसरा 'एप्सिलॉन' है जो कि पता लगाए गए और अनिर्धारित कोरोना संक्रमण के मामलों का अनुपात है।

आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना संक्रमण के 89,129 नए मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं इसी अवधि में 714 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश में अब तक संक्रमितों की संख्या बढ़कर 12,392,260 हो गई है, जबकि मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 164,110 हो गया है।


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