पूर्व अंडर सेक्रेटरी आरवीएस मणि ने बताया कि मेरा ट्रांसफर यूपीए वन की सरकार ने हिंदू आतंकवाद का विरोध करने की वजह से की थी। मेरा ट्रांसफर करने के बाद गृह मंत्रालय में हिंदू आतंकवाद का बीज बोया गया था। सरकार के इस रुख से परेशान होकर मैंने नौकरी छोड़ दी थी। इसके पीछे मेरा कोई निहित स्वार्थ नहीं था। मैंने, ऐसा कर केवल सच का साथ दिया। इसके लिए निर्धारित समय से 22 महीने पहले स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ली थी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय में काम करने मतलब था राजनेताओं का काम करना। एक निष्पक्ष नौकरशाह के रूप में काम करना मेरे लिए संभव नहीं रह गया था।
एनआईए के जज के रविन्द्र रेड्डी के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि एनआईए के विशेष जजों की नियुक्त्िा केन्द्र सरकार नहीं करती है। इसलिए एनआईए के जज पर दबाव डालना केन्द्र सरकार के लिए संभव नहीं है। फिर फैसला सुनाने वाले एनआईए के जज जब खुद कह रहे हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया तो हमें उनके इस फैसले का सम्मान करना चाहिए।
मक्का मस्जिद पर एनआईए कोर्ट के फैसले और पूर्व अधिकारी आरवीएस के बयान के बाद हिंदू आतंकवाद पर पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि गुजरात में क्या हुआ। गोधरा घटना कोआप क्या कहेंगे? महात्मा गांधी की हत्या को आप क्या कहेंगे? हिंदू धर्म आतंकवाद का प्रचार नहीं करता है। इस्लाम और इसाई धर्म के लोग भी इसका प्रचार नहीं करते। महत्वपूर्ण बात ये है कि ऐसा करने वाले व्यक्ति का सोच खराब होती है।