निचली अदालत में गवाह ने बताया कि उसने 2002 में सोहराबुद्दीन से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद उसकी दोस्ती सोहराबुद्दीन, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी तुलसी प्रजापति से हो गई थी। अदालत में गवाह ने कहा ने बताया कि उस वक्त सोहराबुद्दीन ने मुझे बताया कि उसे गुजरात के गृह मंत्री हरेन पंड्या की हत्या करने के लिए डीजी वंजारा से पैसे मिले थे। सुपारी लेकर उसने वंजारा का काम पूरा कर दिया। फिर मैंने उससे कहा कि उसने जो कुछ किया, वह गलत था और उसने एक अच्छे इंसान की हत्या की है। उक्त गवाह ने कहा कि 2005 में एक मामले में राजस्थान पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। लंबे समय तक उसे उदयपुर जेल में रखा गया था जहां उसकी मुलाकात प्रजापति से हुई थी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसजे शर्मा के समक्ष अपना बयान दर्ज कराते हुए गवाह ने कहा कि प्रजापति ने मुझसे कहा कि गुजरात पुलिस ने सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी कौसर बी की हत्या की।
आपको बता दें कि गुजरात पुलिस के एक कथित फर्जी मुठभेड़ में 2005 में सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी एनकाउंटर में मारी गई थी। बाद में गुजरात एवं राजस्थान पुलिस के साथ एक अन्य कथित फर्जी मुठभेड़ में प्रजापति भी मारा गया था। इन दोनों कथित फर्जी मुठभेड़ों के लिए सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए कुल 38 लोगों में से 16 को निचली अदालत आरोपमुक्त कर चुकी है। आरोपमुक्त होने वालों में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वंजारा और गुजरात एवं राजस्थान पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।