ट्वीट में लिखी थी गलत तारीख
दरअसल, कांग्रेस की ओर से किए गए ट्वीट में शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फांसी देने की तारीख गलत लिखी गई थी। ट्वीट में लिखा गया था कि इन्हें तीनों क्रांतिकारियों को 24 मार्च को फांसी दी गई। जबकि, असल में इन सभी को 23 मार्च को फांसी दी गई थी। इस ट्वीट के पोस्ट होने के बाद कांग्रेस ट्विटर पर जमकर ट्रोल की जा रही है। इस ट्वीट के बहाने कांग्रेस पर लोगों ने कई सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, ‘जिन भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को कांग्रेस ने कभी शहीद नहीं माना और न सम्मान दिया आज उन्हीं शहीदों को मजबूरी में श्रद्धांजलि देनी पड़ रही हो तो तारिखों में चूक होना स्वाभाविक है।’ हालांकि, पार्टी ने क्षतिपूर्ति करते हुए अब ट्वीट को हटा लिया।
तय तारीख से एक दिन पहले दे दी गई फांसी
गौरतलब है कि शहीद भगत सिंह को केंद्रीय असेंबली में बम फेंकने के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी, जबकि सुखदेव और राजगुरु पर एक पुलिस अधिकारी के हत्या का आरोप था। दोनों ने 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या की थी, जिसके चलते उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। अलग-अलग मामले के आरोपी इन तीनों क्रांतिकारियों को 24 मार्च को फांसी देनी थी, लेकिन अंग्रेजों ने एक दिन पहले ही इन्हें फांसी पर चढ़ा दिया। बताया जाता है कि तीनों वीरों की फांसी को लेकर देशभर में जगह-जगह प्रदर्शन और विरोध होने लगे। विद्रोह के डर से ब्रिटिश सरकार ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को चुपचाप तय तारीख से एक दिन पहले ही फांसी दे दी।