बातचीत के दौरान शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से साधना रामचंद्रन ने कहा कि उन्होंने कभी भी प्रोटेस्ट करने वालों को कभी पार्क जाने के लिए नहीं कहा। उन्होंने कहा कि गलतफहमी तोड़ती है। हालांकि, साधना रामचंद्रन ने कहीं और आंदोलन करने का प्रस्ताव दिया। लेकिन, प्रदर्शनकारियों ने साफ इनकार कर दिया।
वहीं, प्रदर्शनकारियों एक तरफ की सड़क खोलने के लिए कुछ मांगे रखीं है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराई जाए और सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में आदेश जारी करे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें मीडिया और पुलिस पर बिल्कुल भरोसा नहीं है, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले। इसके अलावा शाहीन बाग और जामिया के लोगों के खिलाफ दर्ज केस को वापस लिए जाए। पिछले दो महीनों में हुई हर घटना की जांच होनी चाहिए। वे चाहते हैं कि प्रदर्शन स्थल की सुरक्षा के लिए स्टील शीट का उपयोग किया जाए।
इससे पहले शुक्रवार को शाहीनबाग में वार्ताकार और प्रदर्शनकारियों की बातचीत में सुरक्षा का मुद्दा अहम रहा है और जब सुरक्षा को लेकर बात रखी गई तो प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस लिखित में आश्वासन दे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर हमें भरोसा नहीं है और अगर कुछ घटना होती है तो कमिश्नर से लेकर बीट कॉन्स्टेबल को जिम्मेदार माना जाए और बर्खास्त किया जाए। इससे पहले साधन रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से पूछा कि दूसरी तरफ से सड़क किसने बंद कर रखी है। इस पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उसे हमन नहीं बंद की है। जिस पर रामचंद्रन कहा कि इसका मतलब पुलिस अपने आप सड़क को घेर रखी है?
इस पर एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब पुलिस ने सड़क ही आगे से बंद कर रखी है तो हमने इसे फिर अपनी सुरक्षा की वजह से बंद कर दी। वार्ताकार साधना ने अपनी बात तो आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर पुलिस के द्वारा बंद रास्ते खुल जाएंगे तो क्या रास्ते की दिक्कतें खत्म हो जाएगी? तो प्रदर्शनकारियों की तरफ से कहा गया कि पुलिस द्वारा बंद रास्ते खुलते हैं तो रास्ते का समाधान निकल जाएगा। इससे पहले दोनों वार्ताकारों ने कहा था कि मीडिया के सामने प्रदर्शनाकारियों से बातचीत नहीं हो सकती है। लेकिन, प्रदर्शनकारियों का कहना है था कि जो बातें होंगी वह मीडिया के सामने ही होगी। अब देखना यह है कि आज के बात-चीत में कोई हल निकलता है या फिर चौथे दिन भी वार्ता बेनतीजा रहेगी।