आरोपी शार्प शूटर्स में से एक परशुराम वाघमारे ने कोर्ट में पेशी के लिए ले जाते वक्त्ा कहा कि विशेष जांच दल ने (एसआईटी) ने 25 लाख रुपए का ऑफर दिया। जबकि दूसरे आरोपी मनोहर अदावे ने पूरे मामले में अपनी भूमिका से नकारते हुए कहा कि उन्होंने हमारे ऊपर दबाव बनाया और कहा कि अगर मैं हत्या की बात स्वीकार नहीं करता हूं तो इसका खामियाजा मेरे परिवार को भुगतना पड़ सकता है।
दोनों आरोपियों का चौंकाने वाला बयान सामने आने के बाद गौरी लंकेश हत्याकांड को करीब से फॉलो करने वाले तमाम लोगों ने दोनों संदिग्धों के दावों पर सवाल खड़ा किया है। उनका कहना है कि पिछले चार महीनों के दौरान संदिग्धों की कोर्ट में कई बार पेशी हुई लेकिन तब उन्होंने इस तरह के आरोप और दावे क्यों नहीं किए।
बता दें कि गौरी लंकेश को पिछले साल पांच सितंबर को बंगलुरु के राजराजेश्वरी नगर में उनके घर के बाहर गोली मार दी गई। वह लंकेश पत्रिके की संपादक थीं। पिछले महीने ही महाराष्ट्र पुलिस की आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस) ने संदिग्ध राइट विंग संगठन के तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। तीनों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुआ था। कहा जा रहा है कि उसमें से एक सुधनवा गोंधालेकर ने गौरी लंकेश, नरेंद्र दाभोलकर और एमएम कलबुर्गी की हत्या में अपनी भूमिका स्वीकार की है।