इस आईआईटीयन वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ा सबरीमाला मंदिर का मुकदमा मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस चेंजिंग रूम की शुरुआत मंदिर में आने वाले ऐसे भक्तों को लेकर की गई है, जो यहां पर छोटे कपड़ों में आते हैं। इस बाबत पश्चिम महाराष्ट्र देविस्थान के चेयरमैन महेश जाधव ने कहा कि तमाम श्रद्धालुओं की गुहार के बाद सभी महिला-पुरुष भक्तों से अपील की जाती है कि वे महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर में छोटे कपड़े पहनकर दर्शन न करें।
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई भक्त छोटे कपड़े पहनकर मंदिर में आ ही जाता है तो उन्हें कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग/फैसिलिटी रूम मुहैया कराया जाएगा। इसमें जाकर छोटे-तंग कपड़े पहनकर आने वाले भक्त अपने कपड़े बदल सकेंगे, जिसके बाद वे मंदिर के भीतर जाकर दर्शन कर सकेंगे।
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मंदिर में आने वाले ऐसे श्रद्धालु जो छोटे कपड़े पहनकर आते हैं, वो इस चेंजिंग रूम में कपड़े कैसे बदलेंगे? यानी जो भी भक्त छोटे कपड़े पहनकर मंदिर पहुंचा हो, वो अपने साथ दूसरे कपड़े लेकर भी आया हो जरूरी नहीं। ऐसे में जब भक्त के पास दूसरे कपड़े ही नहीं होंगे, तो वो कपड़े कैसे बदलेगा, इस पर सवाल खड़ा होना लाजमी है।श
भारत के मंदिरः अभी भी कहीं पर पुरुषों तो कहीं पर महिलाओं के प्रवेश पर है पाबंदी वैसे बता दें कि देश में ऐसे तमाम मंदिर हैं जहां भीतर जाने के लिए कई नियम हैं। कहीं पर मंदिर के भीतर गर्भगृह में जाने के लिए कोई विशेष वस्त्र पहनने पड़ते हैं, तो कहीं पर जाने के लिए सिर ढंकना जरूरी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने शनि शिग्नापुर मंदिर के बाद प्रवेश को लेकर लगाई जा रही पाबंदियों को खत्म करने की इजाजत देते हुए महिलाओं और पुरुषों में भेदभाव मिटाने की पहल की।