अलग-अलग युद्धों में मारे गए-
रूपकुंड की कहानी का सबसे रहस्यमय पहलू यह है कि ये कंकाल आए कहां से। माना जा रहा है कि इनमें पुरुष व महिलाओं, दोनों के कंकाल हैं। इनमें से ज्यादातर युवा हैं। ये अलग-अलग युद्धों में मारे गए होंगे।
5 हजार मी. ऊंचाई पर-
उत्तराखंड की रूपकुंड झील समुद्र तल से 5,029 मी. ऊंचाई पर है। यहां बिखरे कंकालों की वजह से इसे कंकाल झील भी कहा जाने लगा। झील के चारों ओर बर्फ से ढके पहाड़ हैं। झील लगभग 2 मीटर गहरी है।