स्कूलों में नहीं पढ़ाए जाएंगे वेद, भगवद्गीता और धार्मिक पुस्तकेंः स्मृति ईरानी
स्मृति ईरानी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि मानव
संसाधन विकास मंत्रालय के विचारार्थ इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि भगवद्गीता, वेद और अन्य धार्मिक पुस्तकों को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव उसके विचारार्थ नहीं है।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में एक सदस्य के सवाल के लिखित जवाब में कहा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के विचारार्थ इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है।
एक अन्य सवाल के जवाब में ईरानी ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में जर्मन भाषा सीखने को इच्छुक छठी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को इसे अतिरिक्त विषय के तौर पर पढने की अनुमति है, बशर्ते किसी स्कूल में 15 या इससे ज्यादा छात्र इसका विकल्प चुनते हैं।
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