दावा:- संघ प्रमुख बोले- कोरोना ने तोड़ी धर्म में आस्था
तथ्य: संघ प्रमुख भागवत ने नहीं दिया ऐसा कोई बयान
क्या है वायरल मैसेज
दरअसल व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर समेत अन्य सोशल प्लेटफॉर्म पर अखबार की फर्जी कटिंग को फॉरवार्ड किया जा रहा है। पत्रिका के एक जागरूक पाठक ने भी भागवत की फोटो लगी कटिंग भेजकर पूछा की क्या सच में मोहन भागवत ने ऐसा बयान दिया है। यह मैसेज तेजी से सोशल साइट्स पर फैलाया जा रहा है।
क्या है वायरल मैसेज की सच्चाई ?
पत्रिका फैक्ट चेक टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो सच्चाई बिलकुल उलट निकली। हमने सबसे पहले गूगल सर्च किया जिसमें भागवत से संबंधित ऐसी कोई खबर नहीं मिली। उसके बाद हमने RSS और उनके पदाधिकारियों के ट्विटर हैंडल को भी खंगाला और फिर ट्विटर के अडवांस्ड सर्च टूल का इस्तेमाल किया जिसमें कोई ट्वीट नहीं मिला। उसके बाद अखबार की कटिंग को जब गौर से देखा तो मालूम चला कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा फोटोशॉप के जरिए संघ प्रमुख की फोटो लगाकर मैसेज वायरल किया जा रहा है।
RSS के पदाधिकारी ने किया खंडन
पड़ताल के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार का एक ट्वीट मिला। 19 मई को किए गए ट्वीट में लिखा कि रा.स्व.संघ के पू.सरसंघचालक मोहन भागवत के नाम पर सोशल मीडिया में एक फेक न्यूज़ चल रही है। पू.सरसंघचालक जी ने ऐसा कोई वक्तव्य नहीं दिया है। यह समाज तोड़ने वाली शक्तियों का अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए समाज में अनास्था, अराजकता और समाज विघटन के प्रयास का एक षड्यंत्र है।
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इससे साफ हो गया कि अखबार की कटिंग को जिस तरह से सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। वह सरासर गलत और भ्रामक है। संघ की ओर से ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है।
लॉकडाउन का पालन करना जरूरी
गौरतलब है कि 26 अप्रैल को संघ प्रमुख मोहन भागवत मीडिया से मुखातिब हुए थे। उस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए नई बीमारी है। इस समय मानवता में विश्वास करने वाले सभी लोग एकजुट होकर इस संक्रमण का मुकाबला कर रहे हैं। कोरोना से जंग घर में रहकर ही जीती जा सकती है और इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। उन्होंने सभी लोगों से घर में रहकर लॉकडाउन पालन करने की अपील की थी।
मोहन भागवत ने कहा कि हमारा समाज है, ये हमारा देश है, इसलिए काम कर रहे हैं। कुछ बातें सभी के लिए स्पष्ट है और सबकुछ सटीक रूप से किसी को पता नहीं है। ऐसे में सावधानी बरतकर काम करें। स्वयंसेवक को कभी भी थकना नहीं चाहिए और प्रयास करते रहना चाहिए।