सीआरपीएफ जवान कर रहे हैं मदद बीते शुक्रवार को सहायक कमांडेंट डी.पी यादव जानकारी दी कि, “जनजातीय लड़का निडर, बिना किसी हिचकिचाहट के हमारे शिविर में आया। सीआरपीएफ ने एसएससी परीक्षा के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया है ताकि सभी सक्षम युवा लड़के और लड़कियां अपनी किस्मत आजमा सकें। “वहीं 214वीं सीआरपीएफ बटालियन के कमांडेंट अजय सिंह ने बताया है कि, ” हमने अपने जवानों को निर्देश दिए कि जो एसएससी परीक्षा के लिए आवेदन करना चाहते हैं वे उनकी मदद करें। वह लड़के-लड़कियां गरीब हैं और अगर वह साइबर कैफे जाते हैं तो उनका काफी खर्चा होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि, ” आकांक्षियों की मदद के लिए सीआरपीएफ के जवान उन्हें परीक्षा की टिप्स भी दे रहे हैं। उधर लतेहार एसपी प्रशांत आनंद ने कहा, “एक आदर्श बदलाव हुआ है। अब, नक्सल परिवारों के लड़के और लड़कियों ने सुरक्षा बलों पर भरोसा करना शुरू कर दिया है। वे सहायता लेने में संकोच नहीं करते हैं।”
कटिहार: रंगीन मिजाज डॉक्टर को नर्सों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, जूते-चप्पल और लात-घूसों से किया हमला निकली हैं 54,953 नौकरियांबता दें कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने कॉन्स्टेबल के लिए सीआरपीएफ, बीएसएफ, इंडो-तिब्बती सीमा पुलिस और सीमा सुरक्षा बल के लिए 54,953 नौकरियों की घोषणा की है।