गृहमंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि नेपाल और भूटान के साथ वीजा-मुक्त सहयोग होने के कारण अपराधियों और राष्ट्र-विरोधी तत्वों का सीमा से आरपार आवागमन होता है, जो देश के लिए बड़ी चुनौती है। वर्ष 2010 से अभी तक भारत-नेपाल सीमा के माध्यम से पाकिस्तान और पाकिस्तानी
कब्जे वाले कश्मीर से करीब 230 कश्मीरी उग्रवादी घर वापस लौटे हैं।
उनके साथ उनकी पत्नियां और 88 बच्चे भी वापस लौटे हैं। एक अन्य अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि पूर्व उग्रवादियों, उनकी पत्नियों/ पतियों और बच्चों के पास भारत में प्रवेश करते समय यात्रा दस्तावेज नहीं थे। सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी पहचान का पता लगाने के बाद सभी को हिरासत में लिया।