अत्तुकल मंदिर
केरल स्थित इस मंदिर में महिलाओं की पूजा होती है। इस मंदिर में पुरुषों का प्रवेश वर्जित है। इस मंदिर ने पोंगल त्योहार मनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। इस त्योहार में तीन लाख महिलाओं ने हिस्सा लिया था।
कामरुप कामाख्या मंदिर
असम में मौजूद इस मंदिर में माता की माहवारी का उत्सव मनाया जाता है। उत्सव के दौरान पुरुषों के प्रवेश पर रोक है। इस दौरान केवल महिला संत और संन्यासिन मंदिर की पूजा करती हैं। बता दें कि इस मंदिर में माता सती के माहवारी कपड़े को बहुत शुभ समझा जाता है और इसे भक्तों के बीच बांटा जाता है।
चक्कूलाथूकावु मंदिर
वहीं, केरल के इस मंदिर में भगवती की पूजा होती है। इस पूजा में ‘नारी पूजा’ नामक वार्षिक अनुष्ठान होता है। इसमें महिलाएं 10 दिनों का व्रत रखती हैं और पुजारी इन महिलाओं के चरण धोते हैं। नारी पूजा के दौरान केवल महिलाओं ही मंदिर के अंदर जा सकती है।
संतोषी मां
बता दें कि संतोषी मां का व्रत केवल महिलाएं या अविवाहित लड़कियां ही रखती हैं। इस व्रत के दौरान वह खट्टे फल या आचार नहीं खा सकतीं। पुरुषों को मंदिर में आने की इजाजत तो होती है, लेकिन शुक्रवार के दिन मंदिर के अंदर वे नहीं आ सकते है।