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BS-IV वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लेकर Supreme Court का बड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने दोपहिया-चौपहिया BS-IV वाहनों के पंजीकरण की अनुमति दी।
लॉकडाउन के चलते 31 मार्च से पहले खरीदे गए वाहनों के लिए आदेश जारी।
दिल्ली-एनसीआर के लिए लागू नहीं होगा सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश।

नई दिल्लीAug 14, 2020 / 07:34 am

अमित कुमार बाजपेयी

Supreme Court allows registration of BS-4 vehicles purchased before 31 March

Supreme Court allows registration of BS-4 vehicles purchased before 31 March

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण जो व्यक्ति 31 मार्च की समय-सीमा तक अपने वाहनों का पंजीकरण नहीं करा पाए, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ताजा आदेश में गुरुवार को 31 मार्च 2020 तक बिकने वाली बीएस-4 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की मंजूरी दे दी है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अस्थायी पंजीकरण (टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन) सहित ई-पोर्टल पर सभी पंजीकरणों की अनुमति मौजूद है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह छूट दिल्ली-एनसीआर के लिए लागू नहीं होगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राज्यों में केवल उन बीएस-4 वाहनों को ही पंजीकृत किया जाएगा, जिन्हें राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से पहले बेचा गया था और उन्हें वाहन ई-पोर्टल पर भी अपलोड किया गया था। अदालत के इस आदेश का मतलब है कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद बिके बीएस-4 वाहनों के पंजीकरण पर रोक जारी रहेगी। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि 31 मार्च 2020 के बाद बेचे गए बीएस-4 वाहनों का पंजीकरण नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “हम दिल्ली-एनसीआर में वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति नहीं दे सकते हैं। यह मंजूरी दिल्ली-एनसीआर के लिए लागू नहीं है।” गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले उन वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी, जिन्हें राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की अवधि के दौरान डीलरों द्वारा बेचा गया था।
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सुप्रीम कोर्ट में फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन ने कहा, “अदालत जो भी कहेगी, हम उसका पालन करेंगे। लेकिन मैं आपसे किसी भी ऐसे विचार को खारिज करने का आग्रह करता हूं, जिसमें कहा गया कि लॉकडाउन अवधि का किसी गलत काम से या दुरुपयोग किया गया।”
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने दलील दी कि 39,000 वाहनों का विवरण अपलोड नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “इसके अलावा बाकी वाहनों का भी पता लगाया गया है और इसका विवरण ई-वाहन पोर्टल पर उपलब्ध है।” कोर्ट ने इन 39,000 वाहनों के रजिस्ट्रेशन की मंजूरी नहीं दी है, जिन्हें ई-वाहन पर अपलोड नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की समयसीमा निर्धारित की थी। हालांकि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू कर दिया गया। जबकि वाहन डीलरों के पास भारी संख्या में बीएस-4 दुपहिया और चौपहिया वाहन बिक्री के लिए बचे थे। इसके चलते ही डीलर इन वाहनों की बिक्री और पंजीकरण की समयसीमा बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
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