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SC का नीलगाय को मारने पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने नीलगाय,जंगली सुअर और बंदरों को मारने पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है

Jun 20, 2016 / 02:00 pm

सुनील शर्मा

Supreme court

Supreme court

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नीलगाय,जंगली सुअर और बंदरों को मारने पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी। बिहार में 250 से ज्यादा नीलगायों को मारे जाने के बाद गौरी मुलेखी और अन्य गैर सरकारी संस्थाओं ने 15 जून को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

याचिका में कहा गया कि बिहार,हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में नीलगाय,बंदर और जंगली सुअर को हिंसक जानवर घोषित कर मारा जा रहा है। याचिका में केन्द्र के 2015 के उस नोटिफिकेशन को गैर कानूनी बताया गया जिसके तहत इन जानवरों को मारा जा रहा है। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से जानवरों को मारने पर रोक लगाने की मांग की। उनका कहना था कि केन्द्र ने ये नोटिफिकेशन जारी करने से पहले नियमों का पालन नहीं किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को आदेश दिया कि वे अपनी आपत्तियों को केन्द्र व संबंधित राज्य सरकारों के सामने पेश करें। कोर्ट ने कहा कि याचिका में जो भी तथ्य दिए गए हैं उन्हें ज्ञापन के तौर पर केन्द्र को दिया जाए। कोर्ट ने केन्द्र को दो हफ्ते के भीतर इस पर फैसला लेने के निर्देश दिए हैं। कुछ महीने पहले पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने नीलगाय,बंदर और जंगली सुअर को मारने पर लगे प्रतिबंध को समाप्त कर दिया था। यह नियम एक साल के लिए लागू किया गया।

पर्यावरण एवं वन विभाग ने केन्द्र सरकार को कहा था कि इन दिनों जानवरों के कारण जान माल का काफी नुकसान हो रहा है,इसलिए इन्हें वन्य जीव संरक्षण अधिनियम से बाहर किया जाए। केन्द्र ने नीलगाय,जंगली सुअर और बंदरों को अनुसूची 3 से हटाकर 5 में शामिल करने की स्वीकृति देते हुए अधिसूचना जारी कर दी थी। पशु कल्याण बोर्ड ने भी केन्द्र के
नोटिफिकेशन पर आपत्ति जताई है और कहा कि जानवरों को मारने का नोटिफिकेशन मनमाना है और बिना किसी स्टडी का है।

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