पांच न्यायाधीशों वाली नई पीठ का नेतृत्व प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने किया। प्रधान न्यायाधीश के अलावा पीठ में न्यायाधीश अशोक भूषण, एसए नजीर, डीवाई चंद्रचूड़ और संजीव खन्ना शामिल हैं। न्यायाधीश खन्ना इस पीठ में नए जज हैं, जिन्होंने रिटायर्ड प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की जगह ली है।
सुप्रीम कोर्ट में 9 नवंबर के फैसले के संबंध में कुल 18 पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई थीं। इसमें से अधिकतर याचिकाएं फैसले से अंसतुष्ट मुस्लिम पक्षकारों की थीं। निर्मोही अखाड़ा ने बुधवार को शीर्ष अदालत के फैसले के निष्कर्ष पर याचिका दायर की। इसके अलावा उसने यह भी कहा कि कोर्ट ने फैसले में निर्मोही अखाड़ा को ट्रस्ट में उचित भूमिका और उचित प्रतिनिधित्व देने की बात कही है, लेकिन भूमिका और प्रतिनिधित्व स्पष्ट नहीं है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इसे फिर से स्पष्ट करने को कहा गया है।
अखाड़ा का तर्क है कि उसकी भूमिका की दिशा तय नहीं है और इसे केंद्र सरकार पर छोड़ दिया गया है। अखाड़ा ने अपने अन्य मंदिरों के जीर्णोद्धार की भी मांग की।