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सबके लिए होगी कोर्ट की कार्रवाई
अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई चंद्रचूड़ की पीठ को बताया कि प्रारंभ में न्यायालय भवन में स्क्रीन लगाया जाएगा, जहां मामले में पेश नहीं होने वाले, लेकिन उसमें दिलचस्पी रखने वाले वकील और इन्टर्न बैठकर अदालती सुनवाई को देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे कोर्टरूम में भीड़ कम होगी।
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इंदिरा जयसिंह ने की थी मांग
शीर्ष अदालत ने नौ फरवरी को एक अलग याचिका पर सुनवाई के दौरान वेणुगोपाल से मदद मांगी थी। याचिका वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और स्वप्निल त्रिपाठी ने दायर की थी। जयसिंह ने एक बड़े वर्ग के लोगों से वास्ता रखने वाले राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर अदालती सुनवाई का सीधा प्रसारण और वीडियोटेपिंग करने की मांग की थी। जयसिंह ने अदालत की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग के दुरुपयोग के प्रति सावधानी बरतने का जिक्र करते हुए इस रिकॉर्डिग के व्यावसायिक उपयोग नहीं होने की बात सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के सारे उपाय करने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट का बन सकता है चैनल
अटॉर्नी जनरल ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि अगर शीर्ष अदालत कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने का फैसला लेती है तो केंद्र सरकार लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी की तरह एक समर्पित चैनल स्थापित करेगी।