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न्यायाधीश जे.चेलमेश्वर के रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट का नया रोस्टर, जजों के कामों का बंटवारा

Published: Jun 25, 2018 07:40:41 am

Submitted by:

Kiran Rautela

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जे. चेलमेश्वर के रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नया रोस्टर जारी कर दिया है।

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न्यायाधीश जे.चेलमेश्वर के रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट का नया रोस्टर, जजों के कामों का बंटवारा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जे. चेलमेश्वर के रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नया रोस्टर जारी कर दिया है। बता दें कि एसी के वरिष्ठ न्यायाधीश जे. चेलमेश्वर शुक्रवार को रिटायर हुए थे, जिसके दो दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने जजों में काम के बंटवारे के लिए नया रोस्टर जारी कर दिया है। जानकारी है कि बनाया गया नया रोस्टर ग्रीष्मावकाश के बाद के एससी के खुलते ही दो जुलाई को शुरू हो जाएगा।
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पिछले रोस्टर की ही तरह इसमें भी कहा गया है कि एससी के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की खंडपीठ ही जनहितके सभी मामलों को सुनेगी और सामाजिक न्याय, चुनाव, और अदालत की अवमानना के मामलों को भी देखेगी वरिष्ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई को लेबर कानूनों, अप्रत्यक्ष कर, पर्सनल लॉ और कंपनी लॉ के मामले सौंपे गए हैं। वहीं जस्टिस लोकुर की पीठ को सेवा, सामाजिक न्याय, पर्सनल लॉ, भूमि अधिग्रहण, खानों, उपभोक्ता संरक्षण और सेना व सशस्त्र बलों के अलावा प्राकृतिक असंतुलन से जुड़े मामलों, संरक्षा और वनों के संरक्षण, वन्य जीवों के संरक्षण, पेड़ों के गिरने और भूमिगत जल के स्तरों से जुड़े मामले भी देखने को कहा है।
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गौरतलब है कि जस्टिस रंजन गोगोई भी 22 जुलाई को रिटायर होने वाले हैं। वहीं प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा भी दो अक्तूबर को रिटायर होंगे और नवंबर में न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और दिसंबर में न्यायमूर्ति लोकूर रिटायर होंगे।
गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ बगावत करते हुए न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने पांच अन्य न्यायाधीशों के साथ मिलकर 12 जनवरी को एक अभूतपूर्व प्रेस कांफ्रेंस करके अदालत के गलियारे में हलचल मचा दी थी। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने न्यायाधीशों द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति वाली कॉलेजियम प्रणाली का विरोध करते हुए प्रेस कांफ्रेंस में कई सवाल उठाए थे।
साथ ही कॉलेजियम की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए थे और कहा कि पिछले कई समय से ऐसी बहुत सी चीजें हुईं हैं जो वांछनीय नहीं हैं। प्रेस कांफ्रेंस में चार जजों ने केस के आवंटन को लेकर भी सवाल उठाए थे जिसमें संवेदनशील जनहित याचिकाओं को अन्य जूनियर जजों को दिए जाने पर नाराजगी जताई थी। जजों के एतराज के बाद ही 1 फरवरी को पहली बार रोस्टर को सार्वजनिक किया गया था।
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