उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से 9वें दौर की वार्ता हुई, मगर कोई फैसला नहीं हुआ। उनकी मांग है कि किसान बिल रद्द हो और आने वाले बिल नहीं लाया जाए। उन्होंने कहा कि बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं।
किसान या तो जीतकर जाएगा या मरकर जाएगा राकेश टिकैत के अनुसार दिल्ली के चारो तरफ 200 किलोमीटर दायरे में आंदोलन तेज है। आंदोलन दबाने की साजिश हुई तो 10 हजार की मौत होगी क्यों की किसान या तो जीतकर जाएगा या मरकर जाएगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट तो हम गए नहीं। उनका आंदोलन भारत सरकार के खिलाफ है।
26 जनवरी को देश में टैंक और ट्रेक्टर एक साथ चलेंगे संसद में जो सांसद हमारे विरोध में है उनका पोस्टर देश भर में और उनके संसदीय क्षेत्र में चिपकाया जाएगा। 26 जनवरी को देश में टैंक और ट्रेक्टर एक साथ चलेंगे। 2024 तक आंदोलन चलाना पड़े तो भी चलेगा। उन्होंने कहा कि असली सरकार कोई और है जो पीएम से झूठ बोलवाते हैं। असली सरकार से मिलने के लिए किसान दिल्ली के बॉर्डर पर है। उन्होंने कहा कि पीएमओ से गलत दस्तावेज़ जारी हो रहे है। स्वामीनाथन आयोग के सुझावों को लागू करने के मुद्दे पर सरकार झूठ बोल रही है।