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सरकारी ‘मुनाफाखोरी’: देश में पेट्रोल-डीजल पर वसूला जा रहा 70 प्रतिशत तक टैक्स, राजस्थान और मध्य प्रदेश सबसे आगे

Highlights.
– कच्चा तेल सस्ता हुआ तो सरकारों ने अपना टैक्स बढ़ाकर कमाया मुनाफा
– टैक्स के अलावा अतिरिक्त कर लगाकर सरकारें कमा रही हैं मुनाफा
– जिस तेजी से कच्चे तेल के भाव घटे, उतनी तेजी से सरकारों का टैक्स बढ़ा
 

नई दिल्लीDec 21, 2020 / 01:42 pm

Ashutosh Pathak

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नई दिल्ली.

पेट्रोल-डीजल की कीमतों को बाजार के भरोसे छोड़ते वक्त सरकार ने वादा किया था कि कच्चे तेल की कम और ज्यादा होती कीमतों का सीधा फायदा देश की आम जनता को मिलेगा, लेकिन इतने सालों बाद हुआ सिर्फ उलटा। पिछले सालों में जिस तेजी के साथ कच्चे तेल के भाव घटे हैं, उतनी ही तेजी के साथ केंद्र और राज्य सरकारों का टैक्स पेट्रोल और डीजल पर बढ़ा है। यही वजह है कि 22.71 रुपए का कच्चा तेल देश में 91 रुपए के भाव से पेट्रोल और 83 रुपए प्रति लीटर से डीजल में मिल रहा है। तो समझिए सरकारी मुनाफाखोरी का गणित…
ऐसे समझें कच्चे तेल की कीमतें

क्रूड ऑयल = 3612 रुपए प्रति बैरल
एक बैरल = 159 लीटर
एक लीटर की कीमत = 22.71 रुपए

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यूं मुनाफा वसूल रहीं राज्य और केंद्र सरकार
800 फीसदी तक बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी

देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में तेजी की सबसे बड़ी वजह राज्य और केंद्र सरकारों का टैक्स ही है। केंद्र सरकार 2014 से 2020 तक 13 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ा चुकी है। प्रति लीटर 2014 में पेट्रोल पर 9.48 रुपए से बढ़कर 32.98 व डीजल पर 3.56 रुपए से बढ़कर 31.83 रुपये हो चुका है। छह साल में पेट्रोल पर 335 फीसदी और डीजल पर 879 फीसदी बढ़ी एक्साइज ड्यूटी
पेट्रोल : 32.98 रुपए
डीजल : 31.83 रुपए

ऐसे बढ़ाई सरकार ने एक्साइज ड्यूटी
वर्षवार एक्साइज ड्यूटी
तारीख पेट्रोल डीजल
1 अप्रेल 2014 9.84 3.56
2 जनवरी 2015 15.40 8.20
2 जनवरी 2016 19.73 13.83
4 अक्टूबर 2017 19.48 15.33
2 फरवरी 2018 17.48 13.33
6 जुलाई 2019 17.98 13.83
6 मई 2020 32.98 31.83
टैक्स रुपयों में
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41 रुपए लीटर से घटकर 22 रुपए आए कच्चे तेल के दाम

साल क्रूड ऑयल प्रति बैरल प्रति लीटर

2014 6,529.28 41.06
2015 3,988.78 25.08
2016 3,572.84 22.47
2017 3,930.99 24.72
2018 5,648.69 35.52
2019 4,761.33 29.94
2020 4,395.91 27.64
12 दिसंबर 2020 3612.00 22.71
‘कीमतें रुपए में’
राजस्थान में सबसे ज्यादा टैक्स
देश में सबसे ज्यादा टैक्स राजस्थान सरकार वसूलती है। यहां 38 फीसदी टैक्स पेट्रोल व 28 फीसदी डीजल पर लगता है। मणिपुर दूसरे, तेलंगाना तीसरे व कर्नाटक चौथे स्थान और पांचवें स्थान पर मध्य प्रदेश है। भोपाल में सबसे महंगा पेट्रोल बिक रहा है, उसकी वजह टैक्स के अतिरिक्त सेस और और पेट्रोल पर 4.50 रुपए और डीजल पर 3 रुपए अतिरिक्त कर भी शामिल है। लक्ष्यद्वीप ऐसा प्रदेश है जहां कोई पेट्रोल-डीजल पर कोई टैक्स नहीं है। यही नहीं अलग-अलग शहरों में भी दाम में अंतर होता है, क्योंकि उसमें ऑयल डिपो का किराया भी अलग से जुड़ता है।
दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स

देश टैक्स प्रतिशत
भारत 69
इटली 64
फ्रांस 63
जर्मनी 63
ब्रिटेन 62
स्पेन 53
जापान 47
कनाडा 33
अमरीका 19

ऐसे समझें कीमत का गणित, 28 रुपये के पेट्रोल पर 59 रुपये टैक्स

डीजल के भाव में राजस्थान 83.06 के साथ शीर्ष पर, दूसरे नंबर पर 81.72 के साथ मध्यप्रदेश
पेट्रोल के भाव में मध्यप्रदेश 91.54 के साथ शीर्ष पर, दूसरे नंबर पर 91.09 के साथ राजस्थान
‘भाव प्रति लीटर, 20 दिसंबर 2020 के’
(राजस्थान में 6 दिसंबर 2020 की स्थिति)
टैक्स – पेट्रोल – डीजल
बेस प्राइज – 28.10 – 27.14
सेन्ट्रल एक्साइज – 32.98 – 31.83
स्टेट वैट – 24.50 – 19.31
रोड सैस – 1.50 – 1.75
डीलर कमीशन – 3.39 – 2.15
कुल – 90.47 – 82.18

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