प्री-कोरोना पीरियड की बात की जाए तो फऱवरी 2020 में सबसे ज्यादा ट्रांजेक्शन दर्ज़ किया गया था। फरवरी में 133 करोड़ ट्रांजेक्शन के जरिए यूपीआई से 2 लाख 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि का लेनदेन हुआ। कोरोना काल में यूपीआइ के जरिए लेनदेन अप्रेल माह में एक लाख 51 हजार करोड़ रुपए पर सिमट गया था। हालांकि मई से इसमें लगातार हर महीने बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मई माह में यूपीआइ के जरिए 2 लाख 18 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन- देन हुआ।
नवंबर माह में हुए कुल 221 करोड़ यूपीआइ ट्रांजेक्शन का करीब आधा यानी 110 करोड़ ट्रांजेक्शन 4 बैंकों एसबीआइ, एक्सिस, एचडीएफसी और पेटीएम से हुए। इनमें भी अकेले एसबीआइ से 60 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन हुए।
बैंक ट्रांजेक्शन अप्रूवल रेट डिक्लाइन रेट
स्टेट बैंक आॅफ इंडिया 60.8 90.52 3.12
एक्सिस बैंक लि. 24.1 97.16 2.27
एचडीएफसी बैंक लि. 17.9 93.46 1.85
पेटीएम 16.9 92.71 0.08
‘ट्रांजेक्शन के आंकड़े करोड़ में हैं, जबकि अप्रूवल और डिक्लाइन रेट प्रतिशत में
‘डाटा नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का’
— 207 करोड़ कुल यूपीआई ट्राजेक्शन हुए अक्टूबर 2020 में, 3.86 लाख करोड़ का भुगतान
— 180 करोड़ कुल यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए सितंबर 2020 में, 3.29 लाख करोड़ का भुगतान
— 161 करोड़ कुल यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए अगस्त 2020 में, 2.98 लाख करोड़ का भुगतान
— 120 करोड़ कुल ट्रांजेक्शन हुए हुए थे जनवरी 2020 में, 2.16 लाख करोड़ का भुगतान
— 180 गुना बढ़ा जनवरी से अब तक यूपीआई के जरिए देश में भुगतान
— 144 बैंक यूपीआई पेमेंट से जुड़ी थीं जनवरी 2020 तक
— 200 बैंक यूपीआई पेमेंट से जुड़ी नंबवर 2020 तक, पिछले महीने से 11 ज्यादा
— 110 करोड़ यूपीआई ट्रांजेक्शन केवल चार बैंकों ने किए
— 60 करोड़ ट्रांजेक्शन सरकारी बैंक एसबीआई ने किए, जबकि डिकलाइन रेट सबसे ज्यादा
एचडीएफसी — 2.77
एसबीआइ — 3.12