scriptSC की विश्वसनीयता मीडिया रिपोर्ट से नहीं बल्कि जजों के काम के आधार पर तय होती है: CJI | The credibility of SC is not based on media reports but on the basis of judges' work: CJI Ranjan Gogai | Patrika News
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SC की विश्वसनीयता मीडिया रिपोर्ट से नहीं बल्कि जजों के काम के आधार पर तय होती है: CJI

सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता मीडिया रिपोर्ट के आधार पर तय नहीं की जा सकती है, बल्कि यहां पर काम करने वालों जजों से तय होती है।

नई दिल्लीDec 06, 2018 / 04:09 pm

Anil Kumar

SC की विश्वसनीयता मीडिया रिपोर्ट से नहीं बल्कि जजों के काम के आधार पर तय होती है: CJI

SC की विश्वसनीयता मीडिया रिपोर्ट से नहीं बल्कि जजों के काम के आधार पर तय होती है: CJI

नई दिल्ली। हाल के दिनों में देश की सर्वोच्च अदालत की विश्वसनीयता को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं। नौबत यहां तक आ गई थी कि आजाद भारत में पहली बार चार जजों ने सार्वजनिक तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सबको चौंका दिया था। हालांकि तब प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल रहे अब के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एक बार फिर अपनी राय रखी है। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता मीडिया रिपोर्ट के आधार पर तय नहीं की जा सकती है, बल्कि यहां पर काम करने वालों जजों से तय होती है।

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मीडिया रिपोर्ट से तय नहीं होती कोर्ट की विश्वसनीयता

आपको बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई ने एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता यहां काम करने वाले जजों से तय होती है न कि किसी मीडिया रिपोर्ट से। बता दें कि एक वकील के माध्यम से कोर्ट की विश्वसनीयता का हवाला देते हुए पीआईएल पर जल्द से जल्द सुनवाई करने की अपील की गई थी। इस पर सीजेआई ने कहा कि पीआईएल दाखिल करके आपने अपना काम कर दिया है, अब हमें हमारा काम करने दें। कोर्ट की विश्वसनीयता के बारे में हमें न बताएं। गौरतलब है कि बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश कुरियन जोसेफ रिटायर हुए थे। उन्होंने रिटायर्ड के बाद अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि सीजेआई को बाहर से कोई कंट्रोल कर रहा था। इसलिए चार जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देश के सामने ये बात रखी। जिसको लेकर उसे कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र की रक्षा और सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया था। बता दें कि इसी वर्ष 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जज (जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस लोकुर और जस्टिस रंजन गोगोई) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जजों ने तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा के कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे। दीपक मिश्रा के खिलाफ संसद में इम्पीचमेंट मोशन भी लाया गया था, हालांकि संसद के पटल पर धाराशायी हो गया।

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