
AstraZeneca sends legal notice to SII on delay in Covishield supply
नई दिल्ली।
देश में बन रहीं कोरोना वैक्सीन की प्रगति जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन शहरों के दौरे पर निकले। शनिवार सुबह वह करीब 10 बजे अहमदाबाद में जायडस बायोटेक पार्क पहुंचे। यहां करीब एक घंटा रुके और वैज्ञानिकों से वैक्सीन के बारे में जानकारी ली। पीपीई किट पहनकर उन्होंने रिसर्च सेंटर में वैक्सीन की डेवलपमेंट प्रोसेस देखी। प्रधानमंत्री ने कंपनी के प्रमोटर्स और एक्जीक्यूटिव से भी बात की।
इसके बाद मोदी हैदराबाद पहुंचे। यहां मोदी ने स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ बना रही कंपनी भारत बायोटेक के रिसर्च सेंटर का दौरा किया। उन्होंने ट्रायल में अब तक मिली कामयाबी के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी। शाम साढ़े चार बजे मोदी पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया पहुंचे। मोदी के वैक्सीन टूर के बाद पुणे-बेस्ड सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीइओ अदार पूनावाला ने कहा कि हम अगले दो हफ्ते में कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्लाई करेंगे।
गांव तक वैक्सीन पहुंचाएगा लग्जमबर्ग, हो सकता है करार
केंद्र सरकार हर भारतीय को कोरोना वैक्सीन देने की रणनीति पर काम कर रही है। वैक्सीन के उत्पादन, स्टोरेज औरउसके लिए जरूरी कोल्ड चेन समेत हर छोटी-बड़ी चीज पर सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय की नजर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री ने वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है। पीएम मोदी गंभीरता से विचार कर रहे हैं। प्रस्ताव के मुताबिक, गुजरात में रेफ्रिजरेटेड वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन प्लांट लगना है। देश में वैक्सीन पहुंचाने को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट में बताया है कि लक्जमबर्ग की कंपनी बी. मेडिकल सिस्टम अगले हफ्ते एक हाई- लेवल टीम को गुजरात भेज रही है।
‘छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों से बातचीत के बाद होंगी परीक्षाएं’
कोरोना काल में परीक्षाओं खासकर सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ तीन चरणों में छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से बातचीत करेंगे। यह बातचीत सोशल मीडिया के जरिए होगी और अलग-अलग तिथियों पर होगी। इसके बाद परीक्षाओं को लेकर निर्णय किया जाएगा और प्राप्त सुझावों को भी समाहित किया जाएगा। मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी कर यह जानकारी दी गई है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि कोरोना काल में जहां शिक्षण का कार्य पूरी तरह से ऑनलाइन हो रहा है। ऐसे में परीक्षाओं का आयोजन एक बड़ी चुनौती है।
Updated on:
29 Nov 2020 10:47 am
Published on:
29 Nov 2020 10:25 am
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