scriptसरकारी स्कूलों में 10 लाख शिक्षकों की कमी | There are 10 lakh teachers jobs vacant in govt school | Patrika News
विविध भारत

सरकारी स्कूलों में 10 लाख शिक्षकों की कमी

सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 18 प्रतिशत और सरकारी माध्यमिक स्कूलों में 15 प्रतिशत शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं

Dec 13, 2016 / 10:06 am

सुनील शर्मा

Officials at Sarangpur School

Officials at Sarangpur School

नई दिल्ली। लोकसभा में 5 दिसंबर को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री द्वारा पेश किए आंकड़ों से पता चलता है कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 18 प्रतिशत और सरकारी माध्यमिक स्कूलों में 15 प्रतिशत शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। दूसरे शब्दों में, सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए स्वीकृत पदों का छठा भाग रिक्त है, यानी सामूहिक रूप से दस लाख शिक्षकों की कमी है।

साल 2015-16 के शिक्षा आंकड़े के अनुसार, ये देशभर में खाली पड़े शिक्षकों के पदों का औसत आंकड़ा है। कुछ राज्यों ने सभी खाली पद भर दिए हैं, जबकि कुछ राज्यों में शिक्षकों के 50 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त पड़े हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि जिन राज्यों में साक्षरता की दरें कम हैं, वहां शिक्षकों की कमी ज्यादा है, जबकि भारत में 55 प्रतिशत बच्चे (करीब 26 करोड़) सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं।

भारत के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में झारखंड के सरकारी माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी सबसे ज्यादा है। वहां के माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की 70 प्रतिशत सीटें खाली पड़ी हैं, जबकि प्राथमिक स्कूलों में यह आंकड़ा 38 प्रतिशत है। इसी तरह उत्तर प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की आधी सीटें खाली पड़ी हैं, जबकि बिहार और गुजरात में माध्यमिक शिक्षकों के एक तिहाई पद खाली हैं।

शिक्षकों की नियमित भर्ती नहीं होना, पदों की स्वीकृति नहीं मिलना, शिक्षकों की तैनाती में हेराफेरी, कुछ विषयों के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी और छोटे स्कूल शिक्षकों की कमी के कारण हैं। देशभर में 60 लाख शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें 9 लाख प्राथमिक स्कूलों में और 1 लाख माध्यमिक स्कूलों में खाली पड़े हैं। अगर दोनों तरह के स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को जोड़ दिया जाए तो 10 लाख होते हैं।

बड़े हिंदी भाषी राज्यों- उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में 33.3 करोड़ लोग रहते हैं, जहां प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की औसतन एक तिहाई सीटें खाली पड़ी हैं। गोवा, ओडिशा और सिक्किम के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों का कोई पद खाली नहीं है।

असम, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र के माध्यमिक स्कूलों में सापेक्षिक रूप से 3.9 प्रतिशत, 3.9 प्रतिशत और 2 प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। सामान्य तौर पर हिंदी भाषी क्षेत्रों में शिक्षकों की भारी कमी है। भारत में सिक्किम एकमात्र राज्य है, जहां प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक का कोई पद रिक्त नहीं है।

उत्तर भारत के बड़े शहरों और संघ शासित प्रदेशों जैसे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और चंडीगढ़ में तुलनात्मक दृष्टि से गरीब हिंदी भाषी क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी की झलक मिलती है। इन दोनों शहरों के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 25 प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं।

Home / Miscellenous India / सरकारी स्कूलों में 10 लाख शिक्षकों की कमी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो