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विशेषज्ञों का दावा- भारत में अक्टूबर-नवंबर में चरम पर होगी कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर और यह बेहद घातक होगी

कोरोना महामारी की मॉडलिंग पर काम कर रही एक सरकारी समिति से जुड़े विशेषज्ञों का दावा है कि यदि कोरोना का कोई नया वेरिएंट आता है, तो तीसरी लहर काफी खतरनाक होगी।
 

नई दिल्लीJul 04, 2021 / 10:29 am

Ashutosh Pathak

नई दिल्ली।
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की दूसरी लहर अभी थमी भी नहीं और तीसरी लहर की आशंका ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर को लेकर अभी से अलर्ट जारी करना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों ने यह दावा भी किया है कि यदि समय रहते कोरोना महामारी से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया गया तो तीसरी लहर आगामी अक्टूबर-नवंबर में बेहद घातक साबित होगी। हालांकि, विशेषज्ञ यह भी दावा कर रहे हैं कि जैसे-जैसे टीकाकरण अभियान आगे बढ़ता जाएगा, कोरोना संक्रमण की तीसरी या फिर चौथी लहर की आशंका भी कम होती जाएगी।
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कोई नया वेरिएंट आया तो तीसरी लहर खतरनाक होगी
वहीं, कोरोना महामारी की मॉडलिंग पर काम कर रही एक सरकारी समिति से जुड़े विशेषज्ञों का दावा है कि यदि कोरोना का कोई नया वेरिएंट आता है, तो तीसरी लहर काफी खतरनाक होगी। कोरोना के खतरे का गणितीय मॉडल के जरिए अनुमान लगाने वाले विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सदस्य मनिंद्र अग्रवाल की मानें तो पिछली बार की तरह हमारे अनुमान गलत साबित नहीं हो, इसके लिए तीसरी लहर के अनुमान के लिए मॉडल में तीन संभावनाओं पर बात की गई है। इनमें आशावादी, मध्यवर्ती और निराशावादी शामिल है। मनिंद्र अग्रवाल की मानें तो तीसरी लहर का सही अनुमान लगाने के लिए प्रतिरक्षा की हानि, टीकाकरण के प्रभाव और एक अधिक खतरनाक स्वरूप की संभावना को कारक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान ऐसा नहीं किया जा सका था।
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तीन मॉडल के आधार पर लगाया जा रहा अनुमान
उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर हमने तीन मॉडल रखे हैं। पहला- आशावादी, जिसमें हम मानकर चल रहे हैं कि अगस्त तक जीवन सामान्य हो जाएगा और दूसरा कोई वेरिएंट सामने नहीं आएगा। दूसरा- मध्यवर्ती, जिसमें हम मान रहे कि अगस्त तक जीवन सामान्य होने के साथ ही टीकाकरण में 20 प्रतिशत तक कम प्रभावी है। वहीं, तीसरा- निराशावादी है, जिसमें यह मानकर चला रहा है कि कोरोना का कोई नया वेरिएंट तेजी से फैल सकता है। इन तीनों अनुमान के लिए जिन आंकड़ों को पेश किया गया है, उसके अनुसार, यदि कोरोना के वेरिएंट में बदलाव आया तो अक्टूबर और नवंबर के बीच यह अपने चरम पर होगा। उस समय तक देश में डेढ़ लाख से दो लाख के बीच पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़ सकती है।
मनिंद्र अग्रवाल के अनुसार, यदि कोई तीसरा वेरिएंट आया तो तीसरी लहर तेजी से फैलेगी, लेकिन दूसरी लहर की तुलना में उसकी रफ्तार आधी होगी। अग्रवाल ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि जैसे-जैसे टीकाकरण अभियान आगे बढ़ेगा, तीसरी या फिर चौथी लहर की आशंका कम होती जाएगी।

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