केरल में बाढ़ के बीच राहत शिविर में गूंजी शहनाई, युवा जोड़े ने रचाई शादी एक करोड़ है मूर्ति की लागत इस वर्ष खैरताबाद गणेश उत्सव एक नए अंदाज में नजर आएगा। भगवान गणेश की मूर्ति ‘सप्त मुख कला सरपा महा गणपति’ (सात प्रमुख गणेश) की होगी। इस मूर्ति को बनाने की लागत करीब 1 करोड़ बताई गई है। खैरताबाद गणेश उत्सव में 64 साल के इतिहास में ये अब तक की सबसे महंगी मूर्ति होगी। मूर्ति बनने के दौरान ही खैरताबाद गणेश उत्सव के संयुक्त सचिव संदीप राज ने बताया था कि, ” इस बार की प्रतिमा मंहगी होगी क्योंकि कच्चे माल की कीमत बढ़ गई हैं। भगवान गणेश की मूर्ति को 35 टन पीओपी ( प्लास्टर ऑफ पेरिस), 22 टन स्टील, 15 टन मिट्टी और 500 लीटर पेंट की मदद से बनाया जा रहा है। सभी सामग्री अलग-अलग जगहों से मंगाई जा रही है। अनुमानित लागत 80 लाख बताई गई थी। उल्लेखनीय है कि खैरताबाद गणेश उत्सव का अपना एक इतिहास है। जो भारत में सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा बनाने के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। 1 9 54 में खैरताबाद गणेश उत्सव की स्थापना एक फीट लंबी मूर्ति बनाने से हुई थी, जो 2014 में 60 फीट की ऊंचाई तक पहुंच गई।
क्यों घट रही है प्रतिमा की लंबाई?
ग्रेटर हैदाबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (GHMC) दिशा-निर्देशों के बाद खैरताबाद गणेश उत्सव की कमेटी ने फैसला लिया कि प्रतिमाओं की लंबाई घटाई जाएगी। 2015 में निर्देश जारी हुए। हर साल समिति एक फीट लंबाई प्रतिमा की कम कर रही है। इस साल इसलिए 57 फीट लंबी प्रतिमा बनाई जा रही है।
कब है गणेश चतुर्थी?
गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। गणेशोत्सव अर्थात गणेश चतुर्थी का उत्सव, दस दिन के बाद, अनन्त चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है और यह दिन गणेश विसर्जन के नाम से जाना जाता है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी बुधवार, 12 सितंबर 2018 को देश-विदेश में रहने वाले हिन्दू लोगों द्वारा मनाया जाएगा।