एलजीबीटीक्यू समुदाय का कार्यक्रम 19 को, परेशानियों और अधिकारों पर होगी चर्चा
‘भेदभाव को रोकने के लिए सख्त कानून बनाना वक्त की जरूरत’
बता दें कि संस्था की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सम्मेलन में ट्रांसजेंडरों ने एकजुट होकर कहा- समुदाय के साथ समाज के हर स्तर पर होने वाले भेदभाव को रोकने के लिए सख्त कानून बनाना वक्त की जरूरत है। कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एलजीबीटी समुदाय से भेदभाव रोकने के लिए टीजी विधेयक बनाया गया था, लेकिन इसमें कमियां हैं और समलैंगिकों से भेदभाव पर लगाम लगाने के लिए सख्त प्रावधान नहीं हैं। बयान में आगे कहा गया है कि ट्रांसजेंडरों ने कहा- एलजीबीटी और ट्रांसजेंडरों के साथ सरकारी अस्पतालों में भेदभाव किया जाता है। सरकारी अस्पतालों में जेंडर परिवर्तन की सुविधा नहीं है। प्राइवेट अस्पतालों में काफी पैसा लगता है। सामाजिक, मानसिक, शारीरिक और जेंडर परिवर्तन में आने वाली परेशानियों से समुदाय में आत्महत्या की दर बढ़ती जा रही है। आंकड़े उपलब्ध न होने से आत्महत्या की वजहों का अभी ठीक ढंग से पता नहीं चल पाया है। समाज के कुछ लोगों में यह गलत धारणा फैली है कि ट्रांसजेंडर एचआईवी फैलाते हैं। एमबीबीएस कोर्स में रिजिवन कर इस भ्रांति को दूर किया जाना आज के वक्त की जरूरत है। इस अवसर पर लव मैटर्स की कंट्री हेड विथिका यादव ने कहा, “हम ट्रांसजेंडरों की समस्याओं के समाधान के लिए अपने इस प्लेटफॉर्म को फाउंडेशन की तरह इस्तेमाल करने की उम्मीद कर रहे हैं। हमारा मानना है कि ‘कॉनक्वीर’ में उठाई गई समस्याएं घर-घर तक पहुंचेंगी और समाज के लोग हर स्तर पर उपेक्षा के शिकार इस समुदाय की समस्याओं और परेशानियों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे।”