नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को ट्रांसपोर्ट हड़ताल से लोगों का हाल बेहाल है। बस, ऑटो, कैब व अन्य वाहनों के चालकों को सड़कों पर रोका जा रहा है। हड़ताली टैक्सी और कैब वाले मनमानी पर उतारू हैं। वहीं सवारियों को जबरन टैक्सी से उतारने वाले कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।
हड़ताल से सबसे ज्यादा बुरा हाल बुजुर्गों, स्कूल जाने वाले बच्चों, बाहर से अपने-अपने काम से घूमने आए लोगों का है। कैब, टैक्सी, ट्रक, बसें व अन्य वाहनों की लंबी लाइनों लगी हुई हैं। वाहनों को सड़क पर उतारने के लिए ट्रांसपोर्टर्स तैयार नहीं।
बुजुर्ग के सिर में लगी चोट पुणे जाने के लिए निजामुद्दीन स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के पहुंचा एक बुजुर्ग कपल फूट फूटकर रो पड़ा। बुजुर्ग ने बताया कि बीच रास्ते उन्हें टैक्सी से उतार दिया गया। वहां से पैदल आना पड़ा। कपल ने बताया कि हड़ताल के समर्थकों और विरोधियों के बीच धक्का-मुक्की में 75 वर्षीय बुजुर्ग की सिर में चोट भी लगी है।
पैदल चल पड़े दफ्तर हर रोज की तरह गुरुवार को भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट, कैब, टैक्सी व ऑटो से ऑफिस जाने वाले लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जाते दिखे। दिल्ली में प्रगति मैदान में एक्सपो में हिस्सा लेने आए लोगों को भी पैदल मार्च करना पड़ा। ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल से लोग दफ्तरों के लिए पैदल जाने को मजबूर हैं।
व्हीकल एक्ट के खिलाफ ट्रांसपोर्टर्स का प्रदर्शन जारी बता दें कि बता दें, न्यू मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद से ही लगातार दिल्ली एनसीआर के ऑटो टैक्सी यूनियन विरोध कर रहे हैं. यूनियन का कहना है कि केंद्र सरकार ने यह एक्ट लागू तो कर दिया लेकिन उसकी आड़ में ट्रैफिक पुलिसकर्मी बेधड़क अनाप-शनाप ऑटो-टैक्सी वालों के चालान काट रहे हैं. इसके चलते ऑटो-टैक्सी वालों को अपने घरों का सामान बेचकर चालान भरना पड़ रहा है।
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