जबरन वसूली मामला: दाऊद इब्राहिम और इकबाल कास्कर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल AIMTC की क्या हैं मांगें? ट्रांसपोर्ट्स ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सरकार लगातार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही है और भुगतना हमें पड़ रहा है। सरकार एक बार भी उनके रोजगार के बारे में नहीं सोच रही है, जिसकी वजह से कारोबार करना भी मुश्किल होता जा रहा है। उनका ये भी कहना है कि अकेले दक्षिण क्षेत्र में, 26 लाख लॉरी हड़ताल में हिस्ला लेंगी, जिससे हर दिन 700 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। उन्होंने निम्नलिखित मांगें रखी हैं।
– पेट्रोल और डीजल के दामों में प्रतिदिन नहीं बल्कि 3 महीने में संशोधन हो।
– ट्रांसपोर्टर के लिए टोल बेरियर मुक्त हो।
– थर्ड पार्टी बीमा में जीएसटी में छूट दी जाए.
– ट्रांसपोर्ट व्यापार पैट खत्म हो।
– बसों और पर्यटन वाहनों को नेशनल परमिट दिया जाए।
जीएसटी के दिन बंद रहेगा टैक्स फाइलिंग पोर्टल, ‘डिजास्टर रिकवरी ड्रिल’ का होगा आयोजन ‘जनता का रखा जाएगा ध्यान’ट्रांसपोर्ट्स के अनुसार उनकी इस हड़ताल को देशभर के सभी छोटे बड़े ट्रांसपोर्ट्स का तो समर्थन मिल ही रहा है, साथ ही प्राइवेट बस ऑपरेटर्स भी इसका समर्थन कर रहे हैं। हालांकि इसके साथ ट्रांसपोर्ट्स का कहना है कि जनता को हड़ताल से परेशानी ना हो इसके लिए जरूरत के सामान लेकर जाने वाले ट्रांसपोर्ट इससे दूर रहेंगे। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस का कहना है कि पहले भी हम सरकार से ये मांगें कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती जिस वजह से अब हमें मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ रहा है।