चुनाव आयोग ने अभी अपनी तरफ से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जो भी जरुरी सूचनाएं दी जा सकती थीं, दे दिया है. इसमें सबसे अहम चुनाव के पूर्व अपनी संपत्तियों की घोषणा का शपथ पत्र शामिल है. अब चुनाव आयोग को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की अंतिम रिपोर्ट का इंतज़ार है. उसके सामने आने के बाद इन विधायकों की सदस्यता पर कार्रवाई की जा सकती है. इस लिस्ट में सत्ताधारी जनता दल (यू) और भाजपा सहित सभी दलों के विधायक शामिल हैं.
गंगा की सफाई के मोर्चे पर फेल हो गयी मोदी सरकार! मंत्री ने कहा, 2019 के पहले साफ़ नहीं हो पाएगी गंगा क्या होगा परिणाम विधायकों की सदस्यता में जिस तरह से इजाफा हुआ है, उसका वे कोई संतोषजनक कारण नहीं बता पाए हैं. इस तरह ये मामला सीधे-सीधे भ्रष्टाचार के दायरे में भी आ सकता है. लेकिन अगर इन विधायकों ने अपनी पहले की संपत्तियों को किसी कारण से उजागर नहीं किया था, और अब उन्होंने इसका खुलासा किया है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस बात की जांच करेगा कि ये मामला किस तरह के अपराध की कोटि में आ रहा है. एक सामान्य नियम के मुताबिक़ विधायकों को छुपाई संपत्ति का 300 % तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.
पुजारियों की नियुक्ति में भी आरक्षण लागू, केरल के पहले दलित पुजारी बने येदु कृष्णा कौन-कौन विधायक हैं इस लिस्ट में जिन विधायकों की संपत्तियों में इजाफा दर्ज किया गया है, उनमें नवादा से आरजेडी विधायक राजबल्लभ प्रसाद, पते पुर से प्रेमा चौधरी, लालगंज से जेडी(यू) विधायक विजय कुमार शुक्ला, शरफुद्दीन, विजय कुमार सिन्हा, नीरज कुमार सिंह, अरुण कुमार और पूर्णिमा यादव शामिल हैं. मधुबन से भाजपा विधायक और मंत्री राणा रणधीर भी इस लिस्ट में शुमार हैं.