साल 2017 को गिरफ्तार हुआ था आतंकी
गुजरात एटीएस ने उबैद मिर्जा और कासिम स्तिमबेरवला को अंकलेश्वर से साल 2017 को गिरफ्तार किया था। मिर्जा पेशे से वकील है जबकि कासिम पेश से लैब टेक्निशन है। इन दोनों के पास से मोबाइल फोन और एक पेन ड्राइव बरामद किया गया था। पेन ड्राइव से ही एटीएस को इन आतंकियों की साजिश का पता चला था। पुलिस का कहना है कि इन दोनों के पास मौजूद सबूत इस बात को साबित करने के लिए काफी हैं कि ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करना चाहते थे।
ये भी पढ़ेंः पीएम मोदी के काफिले पर आतंकी हमले का खतरा
घटना को अंजाम देकर विदेश भागना चाहते थे आतंकी
एटीएस ने कोर्ट को बताया है कि पूछताछ में ये दोनों आतंकियों ने कबूल किया है कि घटना को अंजाम देकर ये लोग जमैका भागना चाहते थे। एटीएस ने बताया कि 10 सितंबर 2016 को मिर्जा ने अपने मोबाइल से संदेश भेजा कि एक पिस्तौल खरीदना है। उसके बाद मैं उनसे संपर्क करने की कोशिश करुंगा। एटीएस ने इस मैसेज को संदिग्ध माना और इनके खिलाफ सबूत भी जुटाए। तब जाकर दोनों को गिरफ्तार किया जा सका। एटीएस के इस बयान के बाद अब देखना है कि कोर्ट इस मामले में दोनों आतंकियों को क्या सजा देगी।