आपको बता दें कि यह प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कोरोना से गंभीर से रूप से संक्रमितों के इलाज के लिए शुरू किया गया ट्रायल प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के साथ ही प्लाज्मा थेरेपी ट्रायल के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोश से 20 करोड़ रुपए की फंडिंग की जाएगी।
जून खत्म होने से पहले सरकार ने लिया सबसे बड़ा फैसला, देश के इन राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा अनलॉक-2, जानें क्या है वजह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के प्रोजेक्ट की शुरुआत की। प्लाज्मा थेरेपी या पैसिव एंटीबॉडी थेरेपी में कोरोना वायरस से संक्रमित होकर ठीक हो चुके व्यक्ति के रक्त के प्लाज्मा का इस्तेमाल दूसरे मरीज के इलाज में किया जाता है।
प्लाज्मा थेरेपी को कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग में बेहद प्रभावकारी माना जा रहा है। आपको बता दें कि कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों के प्लाज्मा में एंटीबॉडी होती हैं, जो अन्य मरीजों की इस बीमारी से लड़ने में मदद करती हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
महाराष्ट्र सरकार की मुताबिक, “यह दुनिया का सबसे बड़ा ट्रायल-कम-ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट है जिससे महाराष्ट्र में कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार लगभग 500 लोगों का उपचार होगा। इसे ‘प्रोजेक्ट प्लैटिना’ नाम दिया गया है। इसके ट्रायल मेडिकल शिक्षा एवं दवा विभाग के तहत आने वाले 17 मेडिकल कॉलेज और चार बीएमसी के कॉलेज में होंगे।
वहीं, मुख्यमंत्री के बेटे आदित्य ठाकरे ने इस संबंध में ट्वीट से जानकारी दी। उन्होंने लिखा, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रोजेक्ट प्लैटिना लॉन्च किया है जो दुनिया का सबसे बड़ा प्लाज्मा थेरेपी ट्रायल है।
महाराष्ट्र शुरुआत से ही प्लाज्मा थेरेपी पर काम करता आ रहा है और अब इलाज के लिए राज्य में प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
चीन को चित करने के लिए अभी और ऐप पर बैन लगाएगा भारत, जानें कैसे लागू होगा प्रतिबंध आदित्य ठाकरे ने कहा- महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी के मरीजों का इलाज मुफ्त में किया जाएगा। इन मरीजों का 17 मेडिकल कॉलेज में इलाज होगा। यह प्रोजेक्ट न केवल दुनिया को प्लाज्मा थेरेपी के लिए बड़ा डाटा देगा बल्कि इससे पूरे देश में इस इलाज के लिए इन्फ्रांस्ट्रक्चर तैयार करने में भी मदद मिलेगी।