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UK के वीजा नियमों में बदलाव, भारतीय IT पेशेवरों को होगा नुकसान

लगातार बढ़ती प्रवासियों की संख्या पर काबू पाने के लिए ब्रिटेन की सरकार ने यूरोपीय संघ से बाहर के लोगों के लिए अपनी वीजा नीति में बदलाव की घोषणा की है…

Nov 04, 2016 / 07:42 pm

भूप सिंह

British Prime Minister Theresa

British Prime Minister Theresa

नई दिल्ली। लगातार बढ़ती प्रवासियों की संख्या पर काबू पाने के लिए ब्रिटेन की सरकार ने यूरोपीय संघ से बाहर के लोगों के लिए अपनी वीजा नीति में बदलाव की घोषणा की है। इससे बड़ी संख्या में भारतीय, खासतौर पर आईटी पेशेवर प्रभावित होंगे। इस बदलाव की घोषणा ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा में की रविवार से तीन-दिवसीय भारत यात्रा के ठीक पहले की गई है।

अनिवार्य वेतन की न्यूनतम सीमा बढ़ाई
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय की ओर से घोषित नए वीजा नियमों के अनुसार, टियर 2 इंट्रा कं पनी ट्रांसफ र (कंपनी के भीतर स्थानांतरण-आईसीटी) वर्ग के लिए 24 नवंबर के बाद आवेदन करने वालों के लिए अनिवार्य वेतन की न्यूनतम सीमा 30 हजार पाउंड की होगी। पहले यह सीमा 20,800 पाउंड थी।

90 प्रतिशत वीजाओं पर भारतीय IT पेशेवर तैनात
आईसीटी माध्यम का इस्तेमाल अधिकतर ब्रिटेन स्थित भारतीय आईटी कंपनियां करती हैं और ब्रिटेन की आव्रजन सलाहकार समिति ने पाया कि इस साल की शुरुआत में इस रास्ते से जारी वीजाओं में से लगभग 90 प्रतिशत वीजाओं पर भारतीय आईटी पेशेवर तैनात हैं।

नए प्रावधान ये भी
-टियर 2 आईसीटी के लिए न्यूनतम वेतन सीमा बढ़ा देने के अलावा एक अन्य बदलाव भी है, जिसके तहत अनुभवी कर्मचारियों के लिए वेतन सीमा बढ़ाकर 25 हजार पाउंड कर दी गई है।
-इसमें कुछ अपवाद भी शामिल हैं। टियर 2 (आईसीटी) स्नातक प्रशिक्षु के वेतन की सीमा 23 हजार पाउंड कर दी गई है और प्रति वर्ष, प्रति कंपनी पदों की संख्या बढ़ाकर 20 कर दी गई है और टियर 2 (आईसीटी) कौशल स्थानांतरण की उपश्रेणी को बंद कर दिया गया।
-टियर 4 श्रेणी के लिए भी कई बदलावों की घोषणा की गई है। डॉक्टरेट विस्तार योजना के लिए रखरखाव संबंधी अनिवार्यताएं इसमें आती हैं।

ये भी प्रभावित
भारतीयों के साथ-साथ यूरोपीय संघ के बाहर के नागरिक ब्रिटेन में ढाई साल के बाद परिवार के एक सदस्य के रूप में नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन करने पर, अंग्रेजी भाषा की नई अनिवार्यताओं से भी प्रभावित होंगे। यह ब्रिटेन में पांच साल के लिए बसने के रास्ते पर लागू होगा। नई अनिवार्यता उन साथियों और माता-पिता पर लागू होगी, जिनकी परिवार आव्रजन नियमों के तहत ब्रिटेन में रहने की मौजूदा छुटटी एक मई 2017 को या उसके बाद समाप्त होने वाली है। ये सभी बदलाव दरअसल टियर 2 आईसीटी मार्ग पर नियंत्रण करने और विदेशी कर्मचारियों पर निर्भरता कम करने के लिए इस साल की शुरूआत में आव्रजन सलाहकार समिति की सलाह के बाद जारी किए गए हैं।

आव्रजन सलाहकार समिति का निष्कर्ष
समिति की रिपोर्ट में कहा गया था, ब्रिटेन के श्रमबल को प्रशिक्षित करने और उनके कौशल को बढ़ाने के लिए (आव्रजन) नियोक्ताओं के लाभों को बढ़ाने के काम नहीं आ रहा। भारत के कुशल आईटी पेशेवरों तक पहुंच इस बात का एक उदाहरण है। इसमें कहा गया, हमें लंबे समय से चले आ रहे प्रबंधों के बदले में ऐसी किसी व्यवस्था का ठोस सबूत नहीं दिखा, जहां ब्रिटेन के कर्मचारियों को भारत में काम करके कौशल, प्रशिक्षण एवं अनुभव हासिल करने का मौका दिया गया हो।

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