केरल सोना तस्करी मामले के दाऊद इब्राहिम से जुड़े तार, एक आरोपी के साथ हथियार तस्करी का भी एंगल इस याचिका के अंतर्गत यूपीआई प्लेटफार्म्स द्वारा जुटाए जाने वाले डेटा की सुरक्षा की मांग करते हुए अपील की गई है कि इस डेटा को किसी तीसरे पक्ष को नहीं दिया जाना चाहिए। राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित में आरोप लगाया गया है कि गूगल, अमेज़न, फेसबुक और वाट्सएप भारत में ऑपरेटिंग पेमेंट सिस्टम का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही याचिका में यह आरोप भी लगाया गया है कि ये कॉरपोरेट द्वारा UPI प्लेटफार्म्स पर भारतीय नागरिकों के डेटा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस याचिका के जरिये सुप्रीम कोर्ट से गूगल, अमेज़न, फेसबुक और वाट्सएप द्वारा पेमेंट सर्विसेज के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के लिए दिशानिर्देश मांगे गए हैं। इसके पीछे डेटा के गलत इस्तेमाल से बचाने के लिए नियमों का पालन किए जाने के लिए कहा गया है। विश्वम ने पूछा कि UPI दिशानिर्देशों के कथित उल्लंघन के बावजूद RBI और NPCI इन कंपनियों को पेमेंट सर्विसेंज सेवाओं की अनुमति कैसे दे सकते हैं।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि रिजर्व बैंक और एनपीसीआई को भारतीय नागरिकों के डेटा की रक्षा करना जरूरी है। जबकि इसके विपरीत विदेशी संस्थाओं को भारत में अपनी पेमेंट सर्विस संचालित करने की अनुमति देकर ये लोगों के हितों से समझौता कर रहे हैं।
त्योहार में घर जाना है और नहीं है रिजर्वेशन, छोड़िए टेंशन और इस लिस्ट में देखिए 392 स्पेशल ट्रेनों में से अपनी सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने कहा, “हम नोटिस जारी करेंगे। यहां इस बात की आशंका है कि भुगतान का पूरा शासन शुरू होने से पहले पूरा नियामक ढांचा तैयार हो जाएगा।”
विश्वम की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दिवान ने कहा कि आरबीआई ने अप्रैल 2018 में एक आदेश जारी कर इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों से कहा था कि वे सुनिश्चित करें कि इन मंचों पर डेटा का लेन-देन भारत के भीतर एक सर्वर में सुरक्षित है। यह अक्टूबर 2018 तक अनुपालन किया जाना था। ऐसा नहीं किया गया था। उन्होंने कोर्ट को आगे सूचित किया कि व्हाट्सएप अपनी मूल कंपनी फेसबुक के डेटा को भारत के बाहर सर्वर के साथ संग्रहीत करता है।