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कोरोना की वैक्सीन तैयार करने की बात पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन की ओर से किया गया है। यहां की प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने बताया कि सार्स और मर्स के वायरस नए वाले कोरोना वायरस यानी कोविड-19 से काफी मिलते—जुलते हैं। इसलिए हमने तय किया कि इन तीनों के स्पाइक प्रोटीन (वायरस की बाहरी परत) को भेदना बेहद जरूरी है। जिससे इंसानों को वायरस से मुक्ति मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि वैक्सीन को चूहे पर आजमा कर देखा गया है। जिसका परिणाम सकारात्मक आया है। इस वैक्सीन का नाम पिटगोवैक (PittGoVacc) रखा गया है।
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प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो के अनुसार इस वैक्सीन की असर की वजह से चूहे के शरीर में एंटीबॉडीज पैदा हुए, जो कोरोना वायरस को रोकने में कारगर साबित हुए। कोविड-19 कोरोना वायरस को रोकने के लिए शरीर में जितने एंटीबॉडीज की जरूरत होती है। ये वैक्सीन उसे बनाने में सक्षम है। इसके सकारात्मक रिजल्ट को देखते हुए जल्द ही इसका परीक्षण इंसानों पर शुरू किया जाएगाा।