मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाथी की उम्र करीब 12 साल थी। हाथी का शव पंतनगर यूनिवर्सिटी से जुड़े एक कॉलेज के पास मौजूद तालाब में मिला। हादसे की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग अधिकारी मौके पर पहुंचकर हाथी के शव को अपने कब्जे में ले लिया है। अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि हाथी की मौत करंट लगने से हुई। वन विभाग के अधिकारियों ने पहले हाथी का पोस्टमॉर्टम कराया और अब उसे दफनाने की योजना है।
आपको बता दें कि जून, 2017 से लेकर जुलाई, 2018 के बीच इस इलाके में छह हाथी अपनी जान गंवा चुका है। इससे पहले भी एक हाथी अपनी जान करंट के कारण ही गंवा चुका है। इसके अलावा कुछ हाथियों की मौत ट्रेन से टकराकर हुई थी। इन घटनाओं के बाद भी अधिकारियों ने इस तरह की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाएं हैं। यही कारण है कि जंगलों में अलग-अलग कारणों से हाथियों के मरने का सिलसिला जारी है। इसके बावजदू वन विभाग के अधिकारियों ने हाथियों को इस तरह की मौत से बचाने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं। इस मामले में अधिकारियों का रवैया गैर जिम्मेदाराना है। स्थानीय लोगों ने बताया कि हर बार अधिकारी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आश्वासन देते हैं लेकिन इस दिशा प्रभावी कदम नहीं उठाए जाते।