एनजीटी ने लगाया था जुर्माना
बता दें कि ग्रेटर फरीदाबाद की कई सोसायटियों में अभी तक सीवर कनेक्शन नहीं हैं। कॉलोनियों के घरों से निकलने वाला सीवर का पानी टैंकरों के जरिये खुले स्थान पर फेंका जा रहा है। इस पर ही एक आरटीआइ कार्यकर्ता ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। एनजीटी ने इस पर फैसला देते हुए नवंबर में ग्रेटर फरीदाबाद की 12 सोसायटियों पर पांच-पांच लाख रुपया और एक सोसायटी पर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए बिल्डरों को अपने खाते में 25 लाख रुपये सुरक्षित रखने का आदेश दिया था।
छह महीने बाद भी नहीं चुकाया जुर्माना
इस आदेश के करीब छह महीने बीत गए, इसके बावजूद किसी भी बिल्डर ने जुर्माना नहीं चुकाया है। इस वजह से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 30 मई को नोटिस जारी कर सोसायटियों को एक सप्ताह के भीतर जुर्माना चुकाने को कहा है। इसके अलावा यह चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में भुगतान नहीं किया गया तो बिजली-पानी का कनेक्शन काट दिया जाएगा।