खासकर, देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ( Delhi ) और आर्थिक राजधानी मुंबई ( Mumbai ) में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक हजार से ज्यादा है। वहीं, पूरे महाराष्ट्र (Maharashtra) में 1800 से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में है, जबकि 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय इस वायसर से लड़ने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। लेकिन, सवाल उठता है कि अगर कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा इसी तरह से बढ़ता रहा तो क्या स्वास्थ्य विभाग इससे लड़ने के लिए पूरी तैयार है?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ( WHO ) कहना है कि 1000 लोगों पर कम से कम एक डॉक्टर का होना जरूरी है। लेकिन, भारत में डॉक्टरों की कमी है, ये बात किसी से छिपी नहीं है। लेकिन अफसोस भारत में इतने डॉक्टर भी नहीं हैं। डॉक्टर्स के साथ-साथ भारत में मास्क की कमी, गाउन की कमी, बेड की कमी, वेंटिलेटर की भी कमी है।
ICMR के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव का कहना है कि अचानक से आई एक नई बीमारी के लिए विश्व के किसी देश में कोई तैयारी नहीं थी। किसी ने कभी सोचना ना था कि करोड़ो की संख्या में नई तरह के टेस्टिंग किट की जरूरत पड़ेगी। यही वजह है कि हर देश अपने लिए विशेषज्ञों की एक टीम के साथ इस कोरोना वायरस का सामना कर रहा है।
बलराम भार्गव का कहना है कि भारत में कोरोना वायरस के लिए टेस्टिंग किट की कमी आने वालें दिनों में ना हो, इसलिए प्राइवेट लैब्स के साथ इन्होंने मिल कर काम किया और दो लैब्स को टेस्टिंग किट बनाने की आईसीएमआर ने हाल के दिनों में अनुमति भी दी है।
हम सब जानते हैं कि देश में डॉक्टर्स , हॉस्पिटल , मेडिकल स्टाफ और नर्स की भारी कमी है। ऐसे में महामारी का आना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं। स्कूलों, होटल्स, ग्राउंट को आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है। वहीं, इस बीमारी से लड़ने के लिए स्थानीय और प्राइवेट डॉक्टर्स की भी मदद ली जा रही है। इसके अलावा कोरोना जांच की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है।
COVID-19 हॉस्पिटल बनाने के भी आदेश जारी हो गए हैं। लेकिन, कई राज्यों में अब भी स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं है। टेस्टिंग किट, डॉक्टर्स , नर्स और मेडिकल स्टाफ की की है। सबसे बड़ी बात यह है कि डॉक्टर्स और नर्स भी इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। भारत में कोरोना वायरस से अब तक दो डॉक्टर्स की मौत हो चुकी है। लिहाजा, इस वायरस को लेकर डॉक्टर्स में भी खौफ बढ़ता जा रहा है। लेकिन, अगर कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा और ज्यादा बढ़ा तो यकीनन भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएगी।