दरअसल, यहां 87 साल बाद ट्रेन आई है। बड़ी रेल लाइन का काम पूरा हुआ तो निर्मली बाजार कस्बे में पहली बार टे्रन पहुंची। लोग खुशी से झूम उठे। शहर समेत आसपास के लोग स्टेशन पर पहुंचे और इंजन की पूजा की। वहीं, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्पीड ट्रायल सफल रहा। अब सीआरएस की मंजूरी मिलने के बाद इस रूट पर जल्द ट्रेन दौडऩे लगेगी।
बता दें कि वर्ष 1934 में यहां भूकंप आया था, जिससे छोटी लाइन की पटरी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। इससे निर्मली-सरायगढ़ रेल रूट पर टे्रन सेेवा बंद हो गई थी। तभी से मिथिलांचल दो भागों में बंट गया। इसके बाद, 6 जून 2003 को तत्काली प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी ने निर्मली महाविद्यालय से कोसी नदी पर महासेतु का शिलान्यास किया था। बाद में बड़ी लाइन का काम शुरू हुआ और अब यह पूरा होने के बाद यहां स्पीड ट्रायल हो चुका है। लोगों को उम्मीद है कि जल्द से जल्द इस शहर के लोग दोबारा यहां से ट्रेन में बैठकर देश के दूसरे हिस्सों तक जा सकेंगे। रेलवे ने स्टेशन भी बना लिया है, जो बनकर तैयार भी है।