एक मीडिया हाउस से बात करते हुए डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती है सोशल डिस्टेंसिंग। उन्होंने कहा कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का नियम सही से पालन नहीं होता है। लिहाजा, इस वायरस के फैलने के चांसेज ज्यादा रहते हैं। डॉक्टर सौम्या ने कहा कि एक ही घर में कई लोग रहते हैं और एक ही बाथरूम का उपयोग करते हैं। इससे किसी भी बीमारी के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी है कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ लोग व्यक्ति साफ-सफाई पर भी ध्यान दें। इससे काफी हद तक कोरोना वायरस को रोकने में कामयाबी मिलेगी। डॉ. सौम्या ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जो लोग प्रवासी हैं और मजदूर हैं। लॉकडाउन में अपने घरों और गांवों के लिए पैदल निकल चुके हैं। इनसे वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ये लोग गांवों में पहुंचते हैं और ग्रामीण इलाकों में वायरस का संक्रमण होता है तो बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाएगी।
WHO साइंटिस्ट ने कहा कि अगर ग्रामीण इलाकों में यह बीमारी पहुंच गई तो सरकार के लिए काफी मुश्किलें बढ़ जाएंगी। कोरोना जांच की संख्या बढ़ानी पड़ेगी। क्योंकि अब यह साफ हो चुका है कि यह वायरस किसी भी उम्र में फैल रहा है। उन्होंनें इस बाबत कई देशों के उदाहरण भी दिए। उनका कहना है कि यूरोप समेत कई देश इस समय कोरोना वायरस के आगे झुके हैं। अगर समय पर नहीं संभले तो सबके लिए मुश्किलें बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह टेस्टिंग की क्षमता तत्काल प्रभाव से बढ़ाए।