कई वाहन आग के हवाले कर दिए इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को क्षति भी पहुंचाई और आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारी इतनी अधिक संख्या में थे कि पुलिस को अतिरिक्त सुरक्षाबलों की जरूरत पड़ गई। पुलिस ने आंदोलकारियों को रोकने के लिए वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारी सरकार की श्रम नीति नीति का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि सरकार की पूंजीवाद नीति ने देश को बर्बाद कर दिया है। विरोध कर रहे लोगों ने इसके लिए राष्ट्रपति मैक्रोन को जिम्मेदार ठहराया है।
पहले से ही थी तोड़फोड़ की आशंका गौरतलब है कि मई माह को श्रम माह के रूप में देखा जाता है। फ्रांस की नीति के कारण सरकारी नौकरियां कम हो रही हैं। यहां पर निजी कंपनियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार अपने कामकाज में भी निजी कंपनियों को बढ़ावा दे रही है,ऐसे में कई श्रम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। पुलिस को इस तरह के उग्र प्रदर्शन का पहले से अंदेशा था। इसके लिए उसने पहले से पूरी तैयारियां कर रखी थी। प्रशासन का कहना कि आगे भी इस तरह के उग्र प्रदर्शनों का सामना करना पड़ सकता है। भीड़ के वेश यह प्रदर्शनकारी शांति की बजाय हिंसा का सहारा लेते हैं।